Lalu Yadav Land Scam: लालू यादव के खिलाफ CBI को केस चलाने की मिली मंजूरी, नौकरी के बदले जमीन का है आरोप

Lalu Yadav Land Scam: लालू यादव पर आरोप है कि रेल मंत्री रहते हुए उन्होंने पटना के 12 लोगों को ग्रुप डी में चुपके से नौकरी दी थी। आरोप है परिवार के लोगों के नाम जमीन लिखवा ली।;

Written By :  aman
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Update:2023-01-13 21:22 IST
Lalu Yadav Land Scam

Lalu Yadav (Social Media)

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Lalu Yadav Land Scam: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू यादव (RJD supremo Lalu Yadav) की मुसीबतें बढ़ने वाली है। अब उन पर 'नौकरी के बदले जमीन' (Land Job Scam) मामले में दोबारा केस चलाया जाएगा। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को केंद्र सरकार ने पूर्व रेल मंत्री लालू यादव पर केस चलाने की मंजूरी दे दी। ये मामला नौकरी के लिए जमीन लेने से जुड़ा है।

आपको बता दें, कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA- 1) के पहले कार्यकाल में लालू यादव रेल मंत्री थे। इसी दौरान उन पर नौकरी के बदले जमीन लेने का आरोप लगा था। इस मामले में CBI ने लालू प्रसाद पर दोबारा केस चलाने का फैसला किया है। अब सरकार से मंजूरी मिलने के बाद उनके खिलाफ जांच तेज हो जाएगी।

क्या है मामला?

ये मामला रेलवे परियोजनाओं में भ्रष्टाचार से जुड़ा है। लालू प्रसाद यादव यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री थे। तब उन पर गंभीर आरोप लगे थे। कहा गया था कि उन्होंने नौकरी के बदले जमीन ली थी। उन पर ये भी आरोप लगा था कि उन्होंने शेल कंपनियों (shell companies) के माध्यम से कम दाम में दिल्ली में संपत्ति खरीदी थी। ज्ञात हो, इस मामले में लालू यादव के बड़े बेटे तेजस्वी यादव को भी आरोपी बनाया गया है। केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) ने मामले की जांच 2018 में शुरू की थी। मई 2021 में जांच बंद कर दी गई थी। इसी मामले को दोबारा खोला गया है। 

CBI को मिली मंजूरी 

सीबीआई के अनुसार, जमीन के बदले नौकरी मामले में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ प्रॉसिक्यूशन सैंक्शन मिली है। साल 2022 में CBI ने लालू प्रसाद और उनके परिवार के खिलाफ 'लैंड फॉर जॉब घोटाले' में केस दर्ज किया था। आरोप था कि रेलवे मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद और उनके परिवार ने रेलवे में नौकरी देने के नाम पर रिश्वत के तौर पर लोगों से जमीन ली थी। ऐसे मामले में किसी पब्लिक सर्वेंट के खिलाफ अदालत में अभियोग चलाने के लिए सरकारी जांच एजेंसी की मंजूरी लेना आवश्यक होता है। सीबीआई को अब यही मंजूरी मिल गई है। 

लालू सहित परिवार के इन सदस्यों के नाम 

CBI का दावा है कि लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी (Rabri Devi), बेटी और राज्य सभा सांसद मीसा भारती (Misa Bharti) और हेमा यादव (Hema Yadav) के नाम प्लॉट्स की रजिस्ट्री कराई गई थी। जमीन की मामूली कीमत नकद के रूप में चुकाई गई थी। इन आरोपियों में लालू के छोटे बेटे तेजस्वी यादव का भी नाम है। सीबीआई से जुड़े सूत्रों का कहना है कि लालू यादव के खिलाफ जिस मामले में जांच शुरू हुई है। उसमें उनके अलावा, उनके बेटे और वर्तमान में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तथा बेटियां चंदा यादव और रागिनी यादव भी आरोपी हैं। 

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