कांचीपुरम: कांची कामकोटि पीठ के प्रमुख शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती को गुरुवार (01 मार्च) को समाधि दी गई। शंकराचार्य के अंतिम संस्कार में तमिलनाडु के सीएम ई. पलानीस्वामी सहित दक्षिण की कई बड़ी हस्तियां शामिल हो रही है। जयेंद्र सरस्वती के शिष्य विजयेंद्र सरस्वती कांची पीठ के नए शंकराचार्य होंगे।
पीएम नरेंद्र मोदी खुद अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाएंगे। उनकी ओर से केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा शामिल होंगे। बता दें, कि शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती का बुधवार को निधन हो गया था। जयेंद्र सरस्वती को सांस लेने में आ रही दिक्कत के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था। अस्पताल में ही उन्होंने अंतिम सांसें ली। बुधवार से अब तक करीब एक लाख से भी अधिक लोग उनके अंतिम दर्शन कर चुके हैं।
जयेंद्र सरस्वती का जन्म 18 जुलाई 1935 को हुआ था। वह कांची मठ के 69वें शंकराचार्य थे। वे 1954 में शंकराचार्य बने थे। कांची मठ कई स्कूल और आंखों के अस्पताल चलाता है। इस मठ की स्थापना खुद आदि शंकराचार्य ने की थी। जयेंद्र सरस्वती को 22 मार्च, 1954 को सरस्वती स्वामिगल का उत्तराधिकारी घोषित किया गया था। उनके निधन के बाद उनके शिष्य विजयेंद्र सरस्वती कांची पीठ के नए शंकराचार्य होंगे।