नई दिल्ली: जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में लेफ्ट गठबंधन ने परचम लहरा दिया है। सेंट्रल पैनल की चारों सीटों पर आइसा-एसएफआई गठबंधन ने कब्जा जमा लिया है। अध्यक्ष पद पर आइसा के मोहित पांडे ने जीत दर्ज की है। अमल पीपी उपाध्यक्ष चुने गए हैं। महासचिव पद पर शतरूपा चक्रवर्ती काबिज हुई हैं। तबरेज हसन संयुक्त सचिव होंगे।
इस बार था गठबंधन
आम तौर पर आइसा और एसएफआई दोनों अलग-अलग उम्मीदवार खड़े करते थे। इस बार दोनों के बीच गठबंधन हुआ था जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में रिकॉर्ड 59 प्रतिशत वोटिंग हुई थी, जो पिछले बार की तुलना में छह प्रतिशत अधिक थी। जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में पिछले साल 53.3 फीसदी वोट पड़े थे।
विश्वविद्यालय परिसर में विवादों के मद्देनजर चुनाव को दिलचस्प माना जा रहा था। खास बात ये भी है कि इस बार एबीवीपी एक भी सीट हासिल करने में नाकाम रही। पिछली बार संयुक्त सचिव का पद एबीवीपी के पास था।
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विवादों की वजह से लेफ्ट को मिली जीत
माना जा रहा है कि यूनिवर्सिटी में विवादों की वजह से लेफ्ट गठजोड़ को सभी सीटों पर जीत हासिल हुई। एबीवीपी के खिलाफ छात्रों में नेगेटिव विचार बने और इसका खामियाजा उसे चुकाना पड़ा। जेएनयू छात्रसंघ चुनाव के नतीजों को लेकर बीजेपी के भीतर भी चर्चा होनी लाजिमी लग रही है। एबीवीपी को एक भी सीट न हासिल होने को लेकर संगठन में कई बड़ों पर गाज गिरने के भी आसार लग रहे हैं।