चीन का नया खेलः सैटेलाइट में हुआ कैद, LAC पर फिर झटका देगी भारतीय सेना
संचार तंत्र मजबूत करने के इरादे से उठाए जा रहे इस कदम से माना जा रहा है कि चीनी सेना का इरादा सीमा पर लंबे समय तक टिके रहने का है।
अंशुमान तिवारी
लेह: पूर्वी लद्दाख में भारत के साथ सैन्य विवाद में उलझा चीन रोज नई शरारत करने से बाज नहीं आ रहा है। एक और चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव खत्म करने के लिए बातचीत करने का नाटक कर रहा है तो दूसरी ओर चीन की सेना ऑप्टिकल केबल फाइबर बिछाने में जुटी हुई है। जानकार अफसरों का कहना है कि चीन की सीमा की ओर से पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाया जा रहा है। संचार तंत्र मजबूत करने के इरादे से उठाए जा रहे इस कदम से माना जा रहा है कि चीनी सेना का इरादा सीमा पर लंबे समय तक टिके रहने का है। भारतीय सेना भी चीन को मुंहतोड़ जवाब देने में जुट गई है।
सैटेलाइट तस्वीरों में कैद हुई शरारत
अधिकारियों का कहना है कि सैटेलाइट तस्वीरों में ड्रैगन की शरारत कैद हुई है। पैंगोंग झील के दक्षिणी हिस्से में केबल बिछाने का काम काफी तेजी से किया जा रहा है। चीनी सेना ने पहले झील के उत्तरी किनारे पर केबल बिछाने का काम किया था। पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे की रेतीली जमीन की सैटेलाइट तस्वीरों में असामान्य लाइनें दिखी हैं।
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चीन की इस नई शरारत का खुलासा होने के बाद भारतीय पक्ष सतर्क हो गया है। चीन के इरादों को भांपते हुए भारतीय सेना को भी अलर्ट कर दिया गया है। भारत के इस खुलासे के बाद भी चीन का विदेश मंत्रालय और चीन की सेना की चुप्पी नहीं टूटी है और अभी चीन की ओर से इस ताजा घटनाक्रम पर कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई गई है।
उल्टे भारत पर आरोप लगा रहा चीन
एलएसी पर तनाव बढ़ाने के मामले में चीन अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है और उल्टे भारत पर ही अतिक्रमण करने और तनाव बढ़ाने का आरोप लगा रहा है। भारत में चीन के राजदूत सुन वीडोंग ने भारतीय सेना पर एलएसी पर तनाव बढ़ाने और अतिक्रमण करने का आरोप लगाया है। उन्होंने पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर पिछले दिनों हुई गोलीबारी के लिए भी भारतीय जवानों को जिम्मेदार बताया है।
दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर
इस बीच एलएसी पर दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है और दोनों देशों के हजारों जवान एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चाबंदी किए हुए हैं। दोनों पक्षों की ओर से टैंकों, तोपों और लड़ाकू विमानों की तैनाती ने तनाव में और इजाफा किया है। दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों और विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत के बावजूद अभी तक तनाव घटने के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं।
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दोनों पक्षों के बीच सैन्य स्तर पर कई दौर की वार्ता के बावजूद विवाद का समाधान निकलता नहीं दिख रहा है। अब हर किसी की नजर वरिष्ठ सैन्य अफसरों के बीच होने वाली बातचीत पर टिकी है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस बातचीत से विवाद का कुछ हद तक हल निकल सकता है।
चीन ने उठाया खतरनाक कदम
भारतीय सेना के एक अधिकारी का कहना है कि चीन की ओर से हाई स्पीड ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाए जाने से हम चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि चीन की सेना की ओर से उठाया जा रहा यह कदम खतरनाक है क्योंकि दोनों पक्षों की सेनाएं काफी करीब हैं। उन्होंने कहा कि यह बेहद संवेदनशील मसला है।
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अधिकारी के मुताबिक वायरलेस पर की गई बातचीत को पकड़ा जा सकता है मगर ऑप्टिकल फाइबर केबल के जरिए संचार करना सुरक्षित होता है और इसे पकड़ना काफी कठिन काम है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में भारतीय सेना रेडियो संचार पर निर्भर है। हालांकि भारतीय सेना की ओर से भी सतर्कता बरतते हुए कोड वर्ड में ही बातचीत की जा रही है।
तनाव बढ़ाने के साथ शांति की बात भी
एलएसी पर चीनी लगातार दोहरी चाल चलने में जुटा हुआ है। एक और चीन लगातार मोर्चाबंदी बढ़ाने में जुटा हुआ है तो दूसरी ओर चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने शांति की बात भी कही है। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि चीन भारत का दुश्मन नहीं है और नई दिल्ली को लेकर बीजिंग की नीतियों में कोई बदलाव नहीं है।
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अपने पूर्व के लेखों में भारत को युद्ध की धमकी देने वाले ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि हम भारत को दुश्मन की तरह नहीं देखते। अखबार के मुताबिक द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर और मजबूत बनाने के लिए चीन भारत से सहयोग करने के लिए तैयार है। इसके साथ ही अखबार का यह भी कहना है कि एलएसी पर पुरानी स्थिति बहाल होने में थोड़ा वक्त लगेगा। इसलिए जरूरी है कि दोनों देशों के बीच मुलाकात का सिलसिला चलता रहे।