Monsoon: भीषण गर्मी के अलावा इस साल बरसात भी कम होने की आशंका
Monsoon: इस साल सूखे की 20 फीसदी संभावना है। यानी इस बार न सिर्फ भीषण गर्मी पड़ेगी बल्कि बारिश की भी कमी रहेगी।
Monsoon: मानसून के मौसम के दौरान लगातार चार साल तक सामान्य और सामान्य से अधिक बारिश के बाद, भारत में 2023 में बारिश में कमी आने की आशंका है। यही नहीं, इस साल सूखे की 20 फीसदी संभावना है। यानी इस बार न सिर्फ भीषण गर्मी पड़ेगी बल्कि बारिश की भी कमी रहेगी।
स्काईमेट का अनुमान
निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट ने कहा है कि आगामी मानसून जून से सितंबर तक चार महीने की लंबी अवधि के लिए 868.6 मिमी की लंबी अवधि के औसत के 94 फीसदी के 'सामान्य से नीचे' रहेगा। 2023 के लिए मानसून का पूर्वानुमान जारी करते हुए, मौसम एजेंसी ने कहा कि आगामी सीजन के 'सामान्य से नीचे' रहने की 40 फीसदी संभावना है, इसके 'सामान्य' होने की 25 फीसदी संभावना, 'सामान्य से ऊपर' होने की 15 फीसदी संभावना और अधिक बारिश होने की शून्य संभावना है।
जनवरी में अपने पहले के पूर्वानुमान में स्काईमेट ने 2023 के मानसून के कम रहने की भविष्यवाणी की थी। इसी अवलोकन को उसने फिर दोहराया है। स्काईमेट को संभावना है कि देश के उत्तरी और मध्य भागों में बारिश की कमी का अनुभव होगा, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में जुलाई और अगस्त के मुख्य मानसून महीनों के दौरान अपर्याप्त बारिश देखी जाएगी।
यूपी में भी कम बारिश
पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और यूपी में मौसम के दूसरे छमाही के दौरान सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। स्काईमेट के एमडी जतिन सिंह ने कहा कि एल नीनो की वापसी - जो एशियाई क्षेत्र में गर्मी और शुष्कता से जुड़ी है - इस साल कमजोर मानसून की भविष्यवाणी कर सकती है। हालांकि, मौसम एजेंसी ने कहा कि हिंद महासागर डिपोल (एक जलवायु स्थिति) मानसून को चला सकता है और पर्याप्त रूप से मजबूत होने पर अल नीनो के दुष्प्रभावों को नकार सकता है।
कुल मिलाकर स्थिति ये है कि इस बार न सिर्फ भीषण गर्मी के पूर्वानुमान हैं बल्कि बारिश भी कम होगी। यानी खेती किसानी के लिए दोहरी मार का माहौल बन रहा है।