Delhi News: गुजरात वाला PASSAA कानून अब दिल्ली में हो सकता है लागू, एलजी ने भेजा प्रस्ताव, जाने क्या है ये अधिनियम
Delhi News: यह कानून गुजरात में काफी चर्चा में रहा। कई संगठनों नें इस कानून के माध्यम से कानून का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए गुजरात सरकार की जमकर आलोचना की। वहीं कोर्ट ने भी इस कानून को लेकर सरकार को फटकार लगा चुकी है।
Delhi News: राष्ट्रीय राजदानी दिल्ली के उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने राजधानी में 'द गुजरात प्रिवेंस ऑफ एंटी-सोशल एक्टिविटीज एक्ट (PASSAA) 1985' लागू करने के लिए गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है। यह कानून पहले ही गुजारत में लागू है। राजनीति पार्टियां व अन्य सामाजिक संगठन कई बार सरकार पर इस कानून का गलत स्तेमाल का आरोप भी लगा चुके हैं। यह कानून लागू होने के बाद खतरनाख अपराधियों, अवैध रूप से शराब बेंचने वाले, ड्रग डीलर, ट्रैफिक रूल तोड़ने वाले व संपत्तियों पर अवैध कब्जा करने वालों की ओर से की जाने वाले अवैध कार्यों को रोकने के लिए एहतियातन हिरासत में लिया जा सकेगा।
यह कानून गुजरात में काफी चर्चा में रहा। कई संगठनों नें इस कानून के माध्यम से कानून का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए गुजरात सरकार की जमकर आलोचना की। वहीं कोर्ट ने भी इस कानून को लेकर सरकार को फटकार लगा चुकी है। दो साल पहले भी यह कानून चर्चा में था, जब एक डॉक्टर को इस कानून के तहत हिरासत में ले लिया गया था।
कोर्ट ने डॉक्टर को रीहा करने का दिया था आदेश
गौरतहब है कि डॉक्टर को रेमडिसविर इंजेक्शन के अवैध रूप से बिक्री के संदेह में हिरात में लिया गाय था। करीब 106 दिन जेल में रहने के बाद कोर्ट नें डॉक्टर मितेश ठाकुर को रिहा करन का आदेश दिया था। इसके बाद कोर्ट नें पीएएसएए अधिनियम के तहत डॉक्टर को हिरासत में रखने पर रोक लगा दी। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरब) के आंकड़ों की माने तो 2018 में 2315 और 2019 में 3308 नागरिकों को हिरासत में लिया गया था।
सरकार ने जारी किया नया गाईडलाइन
गुजरात कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद मई 2023 में गुजरात सरकार नें पीएएसएए अधिनियम के तहत हिरासत आदेश पारित करने को लोकर जारी किए जाने वाले आदेश को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की थी। इस गाइडलाइन में अपराध के सत्यापन के बिना कानून लागू नहीं करने के निर्देश दिए गए थे।
इसके बाद गुजरात सरकार के गृह विभाग ने अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए उन्हें सतर्क रहने के निर्देश दिए गए थे। यदि व्यक्ति की ओर से सार्वजनिक अव्यवस्था पैदा करने की संभावना है तभी उसपर पीएएसए कानून लागू करें। फिलहाल दिल्ली में ये कानून लागू होता है कि नहीं यदि लागू होता है तो कहां तक सफल रहता है ये तो आने वाले समय में ही पता जलेगा।