LGBTQ: क्या है ट्रांसजेंडर और बाइसेक्सुअल में अंतर, लेस्बियन और गे के बारे में ये जानना जरूरी

LGBTQ: सितंबर 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक यौन संबंध को अपराध से हटा दिया था।

Update:2023-06-02 21:55 IST
LGBTQ (Pic Credit - Social Media)

LGBTQ: समलैंगिक संबंध अब कानूनी तौर पर जायज है। जिसमें दो वयस्क अपने मर्जी से सेम सेक्स में भी सम्बन्ध बनाने का अधिकार अब कानूनी है। लेकिन सेमसेक्स की शादी को लीगल मन्यता दिया जाए या नहीं इसपर अभी भी सुनवाई जारी है। आखिरी फैसला क्या होगा, कुछ नहीं कहा जा सकता है। इस सेंसिटिव मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आना बाकी है।

सुप्रीम कोर्ट में इस हक की मांग जिन्होंने की वे सभी लेस्बियन, गे और ट्रांसजेंडर जोड़े हैं। इन सब ने सुप्रीम कोर्ट में सेम सेक्स मैरिज को मौलिक अधिकारों की मान्यता देने की मांग रखी है। जिससे समलैंगिक शादी को कानूनी रूप से मान्यता मिल जाए। इसको समझने के लिए L, G, B, T, Q, I, A क्या है यह भी जानना ज़रूरी है।

समलैंगिक समुदाय(samesex community) में शामिल इन अलग-अलग पहचानों के पीछे दो कारक हैं - फिजिकल वांट और शरीर के गुप्तांगों की बनावट (structure of the genitals of the body) इन्हीं के आधार पर अलग-अलग सेक्सुएलिटी (लेस्बियन, गे, बाइसेक्शुअल) और जेंडर की पहचान (ट्रांसजेंडर, इंटरसेक्स) होती है।

L(Lesbian) - 'लेस्बियन': वो औरत जो औरतों के तरफ ही आकर्षित होती है उन्हें ही चाहती है।

G (Gay)- 'गे': वे आदमी जो आदमी की तरफ आकर्षित होते हैं।अक़्सर 'गे' शब्द का इस्तेमाल पूरे समलैंगिक समुदाय के लिए भी कर दिया जाता है। जैसे - 'गे कम्युनिटी' या 'गे पीपल'।

B(Bisexual) - 'बाइसेक्शुअल': ऐसा व्यक्ति जो आदमी और औरत दोनों के तरफ आकर्षित होता है और दोनों को चाहते है। ये भाव औरत या आदमी किसी में भी हो सकता है।

T(Transgender) - 'ट्रांसजेंडर': ऐसे व्यक्ति जिनके शरीर के आंतरिक भागों समेत प्राइवेट पार्ट के बनावट के अनुसार, पैदा होने के व़क्त से ही उनका जो जेंडर तय किया गया। लेकिन जब वो बड़े होकर अपने हार्मोन्स को समझते है तो परिवर्तन चाहते है, करा लेते है। वो ट्रांसजेंडर कहलाते है।

Trandgender Women'ट्रांसजेंडर वुमन': जन्म लेने के समय प्राइवेट पार्ट के आधार पर उसे लड़का माना गया पर समय के साथ बड़े होने पर उनके हार्मोन्स और पर्सनल एक्सपीरियंस से वो खुद को लड़की जैसा समझने लगे तब उन्होंने पाया कि वे लड़की जैसा महसूस करते है। वो आते है इस श्रेणी में।

Transgender Man'ट्रांसजेंडर मैन': जन्म लेने के समय प्राइवेट पार्ट के अनुसार लड़की माना गया लेकिन हरकतें और हार्मोन्स बड़े होकर बदल जाए वो इसमें आते है।

अपने पसंद के अनुसार सेक्स को पसंद करने पर लोग मेडिसिन, 'हॉर्मोन रिप्सेलमेंट थेरपी' और 'सेक्स रीअसाइनमेंट सर्जरी (sex reassignment surgery') के ज़रिए 'ट्रांसजेंडर' अपने शरीर के प्राइवेट पार्ट की बनावट को चेंज करवा लेते हैं ऐसा इसलिए की जैसा ये अनुभव करते है उनका शरीर भी वैसा ही महसूस कर पाए।

किसी आम आदमी या औरत के जैसे ही तरह 'ट्रांसजेंडर' की शारीरिक चाहत भी अलग हो सकती है वो 'लेस्बियन ट्रांसजेंडर', 'गे ट्रांसजेंडर' या 'बाईसेक्शुअल ट्रांसजेंडर' भी हो सकते है।

भारत के अलग अलग क्षेत्रो में में रहने वाले ट्रांसजेंडर्स को स्थानीय नामों में अलग अलग तरह से जाना जाता है। स्थानीय नामों में हिजड़ा, अरावनी, कोथी, शिव-शक्ति, किन्नर और जोग्ती हिजड़ा नाम शामिल है।

(Queer)'क्वीयर': सबसे पहले इस शब्द का इस्तेमाल समलैंगिक समुदाय विरोध में यूज किया गया था। अब समुदाय के कुछ लोग इसे वापस अपना रहे है। वहीं कुछ का मानना है कि वो अपनी पहचान, सिर्फ़ अपनी शारीरिक इच्छाओं के 'लेबल' तक सीमित नहीं मानते है।

Q (Questioning)- 'क्वेश्चनिंग': ऐसा व्यक्ति जो अभी भी अपने फिजिकल बॉडी नीड को नहीं समझ पाया हो उसे कहते है।

I (inter-sex)- 'इंटर-सेक्स': जन्म लेने के दौरान जब बच्चे के प्राइवेट पार्ट से ये पता नहीं चल पाता कि वो लड़का है या लड़की, उन्हें 'इंटर-सेक्स' कहते है।

डॉक्टर को उस व़क्त जो सही लगता है, उस बच्चे को उसी लिंग का लोग मानने लग जाते है और उसी के अनुसार उनका पालन पोषण किया जाता है। एक समय में बड़े होने के बाद वे व्यक्ति खुद को मर्द, औरत या 'ट्रांसजेंडर', अपने चाहत के अनुसार मन लेता है।

साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फ़ैसले में 'ट्रांसजेंडर्स' को तीसरे लिंग की संज्ञा दी थी। जिसके आधार पर उन्हें नौकरियों, शिक्षा पदों में रिजर्वेशन दिए जाने की सिफ़ारिश भी की गई।

A(Alice) - 'ऐलाइज़': वे लोग खुद सेमसेक्स के प्रति प्रेरित नहीं है पर उस कम्युनिटी को समर्थन करते है।

A(Asexual) - 'असेक्शअल': वो व्यक्ति जो किसी भी अन्य व्यक्ति से शारीरिक तौर पर आकर्षित नहीं होता है।

P (Pansexual)- 'पैनसेक्शुअल': ऐसा व्यक्ति जो किसी से भी शारीरिक तौर पर आकर्षित हो जाते है। उनकी अपनी लैंगिक और सेक्शुअल पहचान भी तय नहीं

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