Bihar Politics: ओम प्रकाश राजभर बिहार में बिगाड़ेंगे NDA का खेल, बीजेपी- नीतीश के लिए बनेंगे सिरदर्द!
Bihar Politics:बिहार 243 विधानसभा क्षेत्र वाला राज्य है। ओम प्रकाश राजभर की बात करें तो उनकी पार्टी एनडीए का हिस्सा है। राजभर अगर अपने मांग पर टिके रहे जो बीजेपी और नीतीश कुमार के लिए सिर दर्द की तरह होंगे।;
ओम प्रकाश राजभर
Bihar Politics: साल 2025 में बिहार में विधानसभा चुनाव है। क्षेत्रीय और राष्ट्रीय पार्टियां चुनावी रण में उतरने के लिए कमर कस ली हैं। तैयारियां तेज हैं। एनडीए और इंडिया गठबंधन दो धड़ो में बटी देश की राजनितिक पार्टियों में जो अभी मारामारी होगी या जो कसर बाकी है वो है सीट बंटवारे को लेकर। अब एनडीए के हिस्सा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख राजभर ने आज जो बयान दिया है, जाहिर सी बात है बीजेपी और नीतीश कुमार का बीपी बढ़ाने वाला बयान दिया है।
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने पहले तो राज्य सरकार के काम काज के बारे में चर्चा की। जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार अपने काम पर विश्वास करती है। वक्फ बोर्ड के नियम लोकसभा और राज्यसभा से पारित होंगे और वो नियम कानून का रूप लेंगे क्योंकि युवाओं, महिलाओं, गरीबों और कमजोरों को वक्फ बोर्ड की जमीन का लाभ नहीं मिल रहा है और सरकार उन्हें लाभ देने की तैयारी कर रही है। इसके बाद राजभर ने बिहार चुनाव के बारे में बात की।
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की क्या तैयारी है, इस सवाल पर ओम प्रकाश राजभर कहते हैं, "हम बिहार की 156 सीटों पर काम करते हैं और 29 सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ने के लिए संगठनात्मक काम कर रहे हैं। हम गठबंधन के साथ मजबूती से चुनाव लड़ेंगे।" उनके इस बयान से अंदाजा लगाया जा रहा है कि वो बिहार में एनडीए का खेल बिगाड़ सकते हैं।
राजभर बिहार में मचाएंगे बवाल
बता दें कि बिहार 243 विधानसभा क्षेत्र वाला राज्य है। ओम प्रकाश राजभर की बात करें तो उनकी पार्टी एनडीए का हिस्सा है। इसके अलावा बीजेपी, नीतीश कुमार की पार्टी जदयू और चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास जैसी प्रमुख पार्टियां भी एनडीए का हिस्सा हैं। इसके अलावा दो-चार और भी क्षेत्रीय पार्टियां बिहार में हैं जो एनडीए के साथ हैं। ऐसे में ओम प्रकाश राजभर का जो बयान आया है। उससे ये साफ तौर पर तय है कि पार्टी सीट बंटवारे में समझौता के मूड में नहीं है।
राजभर अगर अपने मांग पर टिके रहे जो बीजेपी और नीतीश कुमार के लिए सिर दर्द की तरह होंगे। तो वहीं अन्य पार्टियों पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा। वे सब भी सीट को लेकर हाई डिमांडिंग हो सकते हैं। एक तरफ चुनाव होगा दूसरी तरफ गठबंधन में तालमेल बैठाना बीजेपी और नीतीश कुमार के लिए चुनौती पूर्ण होगा।