अलविदा 2018: इस साल ने इंसान और इंसानियत को दिए गहरे जख्म

साल 2018 अब बस चंद दिनों का मेहमान है। ऐसे में लोग अभी से नए साल की तैयारियों में जुट गए हैं और प्लानिंग कर रहे हैं कि नए साल का स्वागत कैसे करना है।

Update:2018-12-29 11:11 IST

नई दिल्ली: साल 2018 अब बस चंद दिनों का मेहमान है। ऐसे में लोग अभी से नए साल की तैयारियों में जुट गए हैं और प्लानिंग कर रहे हैं कि नए साल का स्वागत कैसे करना है। वहीं, इन सबसे इतर आज हम आपको बताएंगे उन घटनाओं के बारे में जोकि 2018 में घटी। इन घटनाओं से न केवल देश-दुनिया प्रभावित हुई बल्कि यह घटनाएं एक ऐसी टीस छोड़ गईं, जिनके जख्म अभी भी ताजा हैं।

‘मर्द’ हैं हम, इसलिए हमसे डरना है जरुरी

आश्रय गृह आमतौर पर इसलिए खोले जाते हैं ताकि बेसहारा बच्चियों को सहारा दिया जा सके लेकिन एक एक ऐसा आश्रय गृह भी है, जहां 41 बेसहारा बच्चियों में 34 के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई। यहां उस गृह का संचालक ही बच्चियों का दुश्मन बना बैठा था। उसने अपना घिनौना जाल बिछाकर रखा था।

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बिहार के मुजफ्फरपुर का बालिका गृह कांड ही ले लीजिए। यहां किस तरह का घिनौना खेल खेला जाता था, इसका पता तब लगा जब इसकी जांच-पड़ताल हुई। मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में 41 बच्चियों में 34 के साथ पुलिस ने दुष्कर्म होने की पुष्टि की। यह मामला काफी उछला था।

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यही नहीं, यूपी के देवरिया शेल्टर होम वाले मामले को भी कोई भुला नहीं सकता। यह मामला तब सामने आया जब यहां के शेल्टर होम से भागकर एक लड़की पुलिस स्टेशन पहुंची और उसने अपनी पूरी आपबीती पुलिस को सुनाई। इसके पुलिस ने वहां से 24 लड़कियों को मुक्त कराया।

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इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 8 साल की बच्ची के साथ हुई गैंगरेप की घटना को भी कोई भूल नहीं सकता। ये घटना साल की शुरुआत में हुई थी। इस घटना से पूरा देश हिल गया था। चारों तरफ हड़कंप मचा हुआ था। यही नहीं, निर्भया जैसी दरिंदगी मध्य प्रदेश के मंदसौर में सात साल की बच्ची के साथ भी की गई। इस घटना से जनता काफी गुस्सा हुई।

इंसानियत हुई शर्मसार

18 अगस्त 2018 को मुंबई पुलिस ने राजूभाई गमलेवाला को गिरफ्तार किया। दरअसल, इस व्यक्ति ने 300 से ज्यादा छोटे बच्चों को अमेरिका में बेचा था, जिसके बाद पुलिस ने गमलेवाला को ह्यूमन ट्रैफिकिंग के जुर्म में गिरफ्तार किया।

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एक ऐसा ही मामला 8 सितंबर 2018 को सामने आया, जब बांग्लादेश से 500 लड़कियों को अगवा कर भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में बेचने के जुर्म में साइदुल शेख को गिरफ्तार किया गया।

अमृतसर दशहरा हादसा

अमृतसर दशहरा हादसे को कोई नहीं भुला सकता। साल 2018 का दशहरा लोगों के लिए मौत का काल बनके आया। दशहरा वाली शाम लोग अमृतसर में रावण दहन देखने जुटे लोगों को ट्रेन ने अपनी चपेट में लिया। इस हादसे में ट्रेन की चपेट में आने से 60 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई घायल हुए।

आरबीआई के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल का इस्तीफा

इस साल आरबीआई और केंद्र की मोदी सरकार के बीच हुई अनबन भी काफी चर्चा का विषय रही। हालंकि, पटेल ने बयान दिया था कि उनकी केंद्र से किसी तरह की कोई अनबन नहीं है लेकिन उनका इस्तीफा आज भी एक रहस्य बना हुआ है। किसी को इस बात की जानकारी नहीं है कि आखिरकार पटेल ने इस्तीफ़ा क्यों दिया।

सीबीआई बनाम सीबीआई

हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में मीट कारोबारी मोईन क़ुरैशी को क्लीनचिट देने में कथित तौर पर घूस लेने के आरोप में सीबीआई ने अपने ही विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। अस्थाना पर आरोप है कि उन्होंने मोईन क़ुरैशी मामले में हैदराबाद के एक व्यापारी से दो बिचौलियों के माध्यम से रुपये की रिश्वत मांगी थी।

राकेश अस्थाना ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा पर ही इस मामले में आरोपी को बचाने के लिए दो करोड़ रुपये की घूस लेने का आरोप लगाया। दोनों अफसरों के बीच मचा घमासान सार्वजनिक हो गया तो केंद्र सरकार ने दोनों अधिकारियों को छुट्टी पर भेज दिया था।

गुरुग्राम के एडिशनल सेशन जज को छुट्टी न देने पर मारी गोली

गनर महिपाल ने छुट्टी न मिलने पर गुरुग्राम के एडिशनल सेशन जज कृष्णकांत शर्मा, उनकी पत्नी रेणु और बेटे ध्रुव की गोली मारकर हत्या कर दी। दरअसल, वारदात से 4-5 दिन पहले आरोपी महिपाल जज से छुट्टी मांग रहा था लेकिन उसे छुट्टी नहीं मिल पा रही थी, जिसकी वजह से उसने तीनों की हत्या कर दी।

महिला सिपाही की डेंगू से मौत पर मचा बवाल

पटना में एक प्रशिक्षु महिला सिपाही की डेंगू से मौत हो गई, जिसके बाद तकरीबन 400 गुस्साए प्रशिक्षु सिपाहियों ने अधिकारियों की पिटाई कर दी। दरअसल, जिस महिला सिपाही को डेंगू था, उसे अधिकारियों ने छुट्टी नहीं दी। यही नहीं, उसकी अधिकारियों ने उल्टा ड्यूटी लगा दी। ऐसे में उसकी तबियत और बिगड़ गई और फिर उसकी मौत हो गई।

पाकिस्तान से है सिद्धू को प्रेम

पूर्व क्रिकेटर और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को पाकिस्तान से प्रेम हो गया है। यही कारण है कि वह आमंत्रण मिलने पर सीधे पाकिस्तान पहुंच जाते हैं। इस साल सिद्धू दो बार पाकिस्तान गए। पहली बारे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में और दूसरी बार करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास में।

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