Lithium Reserves: लिथियम, गोल्ड और बेस मेटल का देश में मिला भंडार, क्या खत्म होगी चीन-ऑस्ट्रेलिया की बादशाहत?

Lithium Reserves In India: लिथियम इस्तेमाल इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी बनाने में होता है। अब तक चीन और ऑस्ट्रेलिया की इस धातु पर बादशाहत रही है। ये लिथियम के बड़े सप्लायर हैं।

Written By :  aman
Update: 2023-02-10 09:22 GMT

प्रतीकात्मक चित्र (Social Media)

Lithium Reserves In India: भारत के खनन मंत्रालय (Ministry of Mines) ने बताया है कि जम्मू-कश्मीर (J&K) में लिथियम का भंडार मिला है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (Geological Survey of India) को पहली बार जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के सलाल-हैमाना क्षेत्र में 5.9 मिलियन टन लिथियम का विशाल भंडार मिला है। GSI को कश्मीर ही नहीं देश के 11 राज्यों में सोने, लिथियम सहित अन्य खनिजों का भंडार मिला है। ऐसे में सवाल ये भी उठने लगा है कि क्या अब चीन और ऑस्ट्रेलिया की बादशाहत ख़त्म हो जाएगी। 

आपको बता दें, देश के 11 राज्यों में सोना (Gold), लिथियम (Lithium) सहित अन्य खनिजों का भंडार मिला है। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने 51 ब्लॉकों को राज्य सरकारों तथा कोयला मंत्रालय (Ministry of Coal) को सौंप दिया है। जम्मू-कश्मीर के रियासी में मिले लिथियम के इतने बड़े भंडार की यह पहली साइट है। 

 किन राज्यों में मिला खजाना?

लिथियम, सोना सहित अन्य धातुओं के संबंध में खनन मंत्रालय ने बताया है कि, लिथियम और सोना सहित 51 खनिज ब्लॉक राज्य सरकारों को सौंपे गए हैं। सभी 51 खनिज ब्लॉकों में 5 सोने के हैं। अन्य ब्लॉक जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh), छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh), गुजरात (Gujarat), झारखंड (Jharkhand) और कर्नाटक (Karnataka) सहित अन्य राज्यों में फैले हैं। जिनमें पोटाश (Potash), मोलिब्डेनम (Molybdenum), बेस मेटल (Base Metal) जैसी वस्तुओं से संबंधित ब्लॉक हैं। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने फील्ड सीजन 2018-19 से अब तक के काम के आधार पर ये ब्लॉक तैयार किए थे।

क्या कहा मंत्रालय ने? 

खनन मंत्रालय के सचिव और Geological Survey of India के चेयरमैन विवेक भारद्वाज ने बताया कि, 'मंत्रालय की तरफ से 2015 से अब तक राज्य सरकारों को 287 भूगर्भीय दस्तावेज सौंपे गए हैं। भारद्वाज ने जोर देकर कहा कि, GSI इस गति को बढ़ाएगी। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने 9 फरवरी को लिथियम और सोने के अलावा 7,897 मिलियन टन के संसाधन वाले कोयला और लिग्नाइट (Lignite) की 17 रिपोर्ट भी कोयला मंत्रालय को सौंपी।' बता दें, GSI ने रणनीतिक और महत्वपूर्ण खनिजों पर 115 परियोजनाएं तथा उर्वरक खनिजों पर 16 परियोजनाएं स्थापित की हैं।

लिथियम क्यों है अहम?

जानकारी के लिए बता दें, लिथियम एक धातु है। लिथियम का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी बनाने में होता है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार देश में पब्लिक और प्राइवेट ट्रांसपोर्ट दोनों क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicle) पर विशेष ध्यान दे रही है। खास तौर पर देश के चारों महानगरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई के साथ-साथ बेंगलुरु जैसे प्रमुख शहरों को ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन पर निर्भर बनाने की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए बड़े पैमाने पर लिथियम भंडार का होना जरूरी है। 

आपको बता दें, मौजूदा वक़्त में चीन और ऑस्ट्रेलिया दुनिया में लिथियम के बड़े सप्लायर देश हैं। लिथियम के विशाल भंडार की वजह से कई बार ये दोनों देश मनमानी भी करते हैं। चूंकि, अब भारत में भी लिथियम के विशाल भंडार होने का पता चला है तो तय है कि उनकी बादशाहत पर असर अवय्श्य पड़ेगा।

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