लॉकडाउन में उमड़ी इतनी भीड़: नहीं दिखा कोरोना का डर, सिर्फ घर वापसी की फ़िक्र

भारत के लिए कोरोना वायरस के अलावा एक और बड़ी चुनौती सामने है। लॉकडाउन के कारण बड़ी तादाद में लोग पलायन कर रहे हैं। जिसकी वजह से सड़कों पर भयानक मंजर नजर आया। हाल ये है कि एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए भीड़ इतनी बढ़ गयी, जिसे काबू कर पाना पुलिस-प्रशासन दोनों के लिए चुनौताती बन गया है।

Update: 2020-03-28 17:40 GMT

नई दिल्ली: भारत के लिए कोरोना वायरस के अलावा एक और बड़ी चुनौती सामने है। लॉकडाउन के कारण बड़ी तादाद में लोग पलायन कर रहे हैं। जिसकी वजह से सड़कों पर भयानक मंजर नजर आया। हाल ये है कि एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए भीड़ इतनी बढ़ गयी, जिसे काबू कर पाना पुलिस-प्रशासन दोनों के लिए चुनौताती बन गया है।

मजदूर, रिक्शा चालक, फैक्ट्री वर्कर कर रहे पलायन

दरअसल, कोरोना वायरस को बढ़ने से रोकने के लिए भारत में लॉकडाउन घोषित किया गया लेकिन इसके बाद मजदूर, रिक्शा चालक, फैक्ट्री वर्कर आदि शहरों को छोड़कर अपने अपने गावों की ओर निकल पड़े। ऐसे में सड़कों पर लोगों का जमावड़ा नजर आने लगा। बस स्टॉप तो किसी बहुत बड़े मेले की तरह प्रतीत हुआ। वैसे तो ये हाल लगभग पूरे देश का है, लेकिन दिल्ली एनसीआर का हाल सबसे बुरा है।

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कोरोना का डर नहीं, घर जाने की फ़िक्र

दिल्ली-एनसीआर बॉर्डर पर जाम लग गया। बस पकड़ने को लेकर धक्कामुक्की तक की नौबत आ गयी। लॉकडाउन की वजह से खाने को भी कुछ नसीब न हुआ। लोगों में अपने घर जाने की तड़प थी। इन मजदूरों में न कोरोना के संक्रमण का डर था और न ही इसकी कोई फ़िक्र। चिंता तो उन्हें सिर्फ अपने घर जाने की थी।

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क्या है पलायन की वजह:

लॉकडाउन के चलते ये लोग बेरोजगार हो गए हैं। सारे काम बंद होने के कारण न तो आमदनी का कोई जरिया है और न ही पराये शहर में रुकने का कोई फ़ायदा। ऐसे में पलायन इनकी मजबूरी भी है और जरूरत भी। हालाँकि सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि इन्हे खाने-पीने की कोई समस्या न हो। प्रशासन भोजन की व्यवस्था भी कर रहा है लेकिन बिना किसी काम के ये लोग शहर में रुकना नहीं चाहते। अब ऐसे में कम जागरूकता और मजबूरी कोरोना जैसे जानलेवा संक्रमण को बढ़ावा ही देगी।

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