लॉकडाउन में फंस गये हैं और घर जाना चाहते हैं, तो मानने होंगे ये 5 नियम

गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश अपने यहां फंसे लोगों को उनके गृह राज्यों में भेजने और दूसरी जगहों से अपने-अपने नागरिकों को लाने के लिए स्टैंडर्ड प्रॉटोकॉल तैयार करें।

Update: 2020-04-30 06:15 GMT

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश के अलग-अलग जगहों पर फंसे प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों, विद्यार्थियों आदि की आवाजाही की अनुमति दे दी है।

गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश अपने यहां फंसे लोगों को उनके गृह राज्यों में भेजने और दूसरी जगहों से अपने-अपने नागरिकों को लाने के लिए स्टैंडर्ड प्रॉटोकॉल तैयार करें।

यानी, अब हर प्रदेश दूसरे प्रदेशों में फंसे अपने नागरिकों को वापस ला पाएगा और अपने यहां फंसे दूसरे प्रदेशों के नागरिकों को वहां भेज पाएगा। जो लोग दूसरे राज्य से अपने राज्य लौटना चाहते हैं, उन्हें इन नियमों का भी पालन करना होगा।

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क्या है वो 5 नियम

1.आदेश में कहा कि ऐसे फंसे हुए लोगों के समूहों को ले जाने के लिए बसों का इस्तेमाल किया जाएगा। इन बसों को सैनेटाइज किया जाएगा। सीटों पर बैठते समय सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा।

2.गृह मंत्रालय के अनुसार, सफर करने वालों की स्क्रीनिंग की जाएगी, जिनमें कोई लक्षण नहीं दिखाई देता, उन्हें जाने की इजाजत दी जाएगी।

3.आदेश के अनुसार, बस के रास्ते में पड़ने वाले राज्य ऐसे लोगों को उनके राज्यों के लिए अपने यहां से गुजरने देंगे। इसमें कहा गया कि अपने पड़ाव पर पहुंचने पर स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी उन पर नजर रखेंगे और उन्हें घर में 14 दिन तक क्वॉरंटाइन रहना होगा।

4.गृह मंत्रालय के निर्देश के अनुसार, सभी राज्यों को फंसे हुए लोगों को भेजने, अपने यहां बुलाने के लिये नोडल ऑफिसर नियुक्त करने होंगे और मानक प्रोटोकॉल तैयार करना होगा। नोडल ऑफिसर अपने राज्यों या केंद्र शासित क्षेत्रों में फंसे लोगों को रजिस्टर करेंगे।

5.अगर फंसे हुए लोगों का समूह एक राज्य से दूसरे राज्य में जाना चाहता है, तो राज्य एक-दूसरे से सलाह कर सड़क के रास्ते आवाजाही को लेकर प्लान बना सकते हैं।

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