'पद्मावत': LPG ने करणी सेना पर कहा- कोई देश को बंधक नहीं बना सकता

Update: 2018-01-24 11:40 GMT
'पद्मावत': LPG ने करणी सेना पर कहा- कोई देश को बंधक नहीं बना सकता

नई दिल्ली: लोक गठबंधन पार्टी (एलपीजी) ने करणी सेना के फिल्म 'पद्मावत' के विरोध को लेकर बीजेपी के समर्थन को शर्मनाक करार दिया है। एलपीजी का कहना है, कि 'हरियाणा, गुजरात, मध्यप्रदेश और राजस्थान सरकार ने फिल्म के रिलीज पर कानून-व्यवस्था का सवाल उठा खुद को ही कठघरे में खड़ा कर लिया है। कानून व्यवस्था पूरी तरह राज्य सरकार का ही मामला है।' इन राज्यों ने 25 जनवरी को रिलीज पर कानून व्यवस्था बिगड़ने की बात कर प्रशासन पर ही सवाल उठा दिया है।

पार्टी के राज्य समन्वयक एसएन सिंह ने एलपीजी के प्रवक्ता के हवाले से जारी बयान में कहा, कि 'फिल्म के विरोध में गुजरात और राजस्थान में करणी सेना और कुछ उपद्रवी संगठनों की ओर से की गई हिंसा सिर्फ इसलिए नहीं कि उन्हें सरकार का समर्थन मिल रहा है। बीजेपी की इन चार राज्यों में सरकारें ऐसे तत्वों का समर्थन कर रही है ताकि समाज के किसी एक वर्ग को खुश किया जा सके।'

हिंसा फैलाना निंदनीय

प्रवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय का स्वागत किया है जिसमें इन राज्यों में लगाए गए प्रतिबंध को मानने से इंकार किया और 25 जनवरी को फिल्म रिलीज करने के आदेश दिए। सेंसर बोर्ड से प्रमाण पत्र मिलने और सुप्रीम कोर्ट के रिलीज के आदेश के बाद इसे रोकने के लिए हिंसा फैलाना पूरी तरह से निंदनीय है।

कोई अपनी जिद पर देश को बंधक नहीं बना सकता

प्रवक्ता ने कहा, कि 'राज्य सरकारों को करणी सेना की धमकी से सख्ती से निपटना चाहिए और सिनेमा मालिकों को पूरी सुरक्षा देनी चाहिए। करणी सेना या उससे जुड़ा कोई भी संगठन पूरे देश को अपनी जिद पर बंधक नहीं बना सकता। दिलचस्प ये है कि फिल्म का विरोध करने वालों ने इसे देखा ही नहीं है। बस उनकी सिर्फ एक ही रट है कि इसमें इतिहास से छेड़छाड़ की गई है।'

बीजेपी सरकारों की इस हरकत से देश की छवि को धक्का

उन्होंने कहा, 'इतिहासकारों और विशेषज्ञों की बिना राय जाने इन चार राज्यों की बीजेपी सरकार और पंजाब में कांग्रेस की सरकार ने फिल्म पर प्रतिबंध लगा दिया, जो पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। हैवानियत की हद तो ये है कि करणी सेना और उससे जुड़े संगठनों ने फिल्म के कलाकरों के सिर पर ईनाम भी घोषित कर दी। यह पूरी तरह से दुराग्रही रवैया है। बीजेपी सरकारों की इस हरकत से भारत की लोकतांत्रिक देश होने की छवि को धक्का लगा है। पिछले दो-तीन साल में कट्टरपंथियों की जमात बढी है जो सभी काम अपनी मर्जी से करना चाहते हैं उन्हें किसी का भय नहीं क्योंकि ऐसे लोगों को सरकार का समर्थन मिला हुआ है। ऐसे लोगों ने देश की कला, संस्कृति पर लगातार हमला किया है।'

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