Mission 2024: आप का दिल्ली की सभी लोकसभा सीटों पर अकेले लड़ने का ऐलान, पटना बैठक के बाद उठने लगे सवाल

Lok Sabha Election 2024: आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच लगातार आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चल रहा है। अब आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की सभी सातों लोकसभा सीटों पर अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।

Update:2023-06-28 18:45 IST
CM Arvind Kejriwal (photo: social media )

Lok Sabha Election 2024: पटना में विपक्षी एकजुटता के लिए हाल में हुई बड़ी बैठक के बाद विपक्षी दलों के बीच आपस में ही घमासान छिड़ता नजर आ रहा है। विशेष रूप से आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच लगातार आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चल रहा है। अब आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की सभी सातों लोकसभा सीटों पर अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। आप के इस बयान से साफ हो गया है कि अब दोनों दलों के लिए एक ही नाव पर सवार होना काफी मुश्किल नजर आ रहा है।

दिल्ली की सभी सीटों पर आप अकेले लड़ेगी चुनाव

दिल्ली के संबंध में मोदी सरकार की ओर से लाए गए अध्यादेश पर कांग्रेस की ओर से रुख साफ न किए जाने पर आप नेता पहले से ही नाराज चल रहे हैं। अब आम आदमी पार्टी के महासचिव संदीप पाठक ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। पाठक ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान हम दिल्ली के लोगों के सामने अपनी बात रखेंगे और लोगों को यह समझाने की कोशिश करेंगे कि मोदी सरकार की ओर से लाया गया अध्यादेश दिल्ली के लोगों के पूरी तरह खिलाफ है। इस अध्यादेश के जरिए दिल्ली के विकास की राह में रोड़ा अटकाने की कोशिश की जा रही है।
पाठक ने दिल्ली और हरियाणा के आप नेताओं के साथ बैठक करके उनका रुख जानने की भी कोशिश की। इस बैठक के बाद उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट बनाए जाने की जरूरत है मगर यह एकजुटता कांग्रेस के रवैए पर ही निर्भर है। उन्होंने विपक्षी दलों की एकजुटता के लिए कांग्रेस के रवैए को निराशाजनक बताया।

आप और कांग्रेस नेताओं के बीच घमासान

दरअसल पटना के बैठक के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के संबंध में लाए गए अध्यादेश के खिलाफ सभी विपक्षी दलों से समर्थन मांगा था। कांग्रेस की ओर से इस मुद्दे पर अपना रुख साफ न किए जाने पर उन्होंने विपक्ष की साझा प्रेस कांफ्रेंस में हिस्सा भी नहीं लिया था। बाद में आप की ओर से यह बात साफ कर दी गई थी कि यदि कांग्रेस ने इस अध्यादेश के संबंध में अपना रुख स्पष्ट नहीं किया तो भविष्य में आप का ऐसी किसी भी बैठक में हिस्सा लेना मुमकिन नहीं होगा जिसमें कांग्रेस मौजूद रहेगी।
कांग्रेस इस मुद्दे पर आप का साथ देने के मूड में नहीं दिख रही है। दिल्ली कांग्रेस के नेताओं ने भी आप के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। हाल के दिनों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन और संदीप दीक्षित ने केजरीवाल और आप के खिलाफ बड़ा हमला बोला है। अजय माकन ने तो केजरीवाल पर भाजपा से मिलीभगत तक का आरोप लगा दिया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को जेल जाने का डर सता रहा है और इसलिए उन्होंने भाजपा के साथ समझौता कर लिया है।

विपक्षी एकजुटता पर उठने लगे सवाल

पटना की बैठक से पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे का कहना था कि अध्यादेश पर पार्टी के रुख का फैसला संसद सत्र के दौरान होगा। उनका कहना था कि ऐसे मुद्दों पर फैसला अभी नहीं किया जा सकता। संसद सत्र के दौरान विपक्षी दल मिल बैठकर इस संबंध में अपनी रणनीति तय करेंगे।आप नेताओं को इस बात का एहसास हो गया है कि कांग्रेस इस मुद्दे पर आप का साथ नहीं देगी। यही कारण है कि आप नेताओं ने भी कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
अब आम आदमी पार्टी के महासचिव संदीप पाठक ने दिल्ली की सभी लोकसभा सीटों पर अकेले लड़ने का ऐलान करके विपक्षी एकजुटता की कलई खोल दी है। दिल्ली के अलावा पश्चिम बंगाल में भी टीएमसी और कांग्रेस के बीच घमासान छिड़ा हुआ है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी एक-दूसरे पर हमलावर हैं। ऐसे में विपक्षी एकजुटता को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं।

Tags:    

Similar News