Lok Sabha Election 2024: दक्षिण के इस पुराने सहयोगी ने बीजेपी को दिया झटका, कहा – अब दरवाजे बंद, नहीं होगा गठबंधन

Lok Sabha Election 2024: जदयू के बाद अब आंध्र प्रदेश की टीडीपी और वेस्ट यूपी के आरएलडी के एनडीए में शामिल होने की अटकलें इतनी देश की सियासी फिजा को गरमाए हुए।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2024-02-08 11:01 IST

Lok sabha Election 2024   (photo: social media )

Lok Sabha Election 2024: देश लोकसभा चुनाव की दहलीज पर पहुंच गया है। संसद सत्र के समापन के बाद सियासी पार्टियां चुनाव मैदान में कूद पड़ेंगी। सूत्रों की मानें तो फरवरी के आखिरी या मार्च के पहले सप्ताह में इलेक्शन कमिशन आम चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। इस महत्वपूर्ण समय में जहां विपक्षी इंडिया गठबंधन बिखरता नजर आ रहा है, वहीं सत्तारूढ़ एनडीए में पुराने सहयोगियों की वापसी शुरू हो गई है।

जदयू के बाद अब आंध्र प्रदेश की टीडीपी और वेस्ट यूपी के आरएलडी के एनडीए में शामिल होने की अटकलें इतनी देश की सियासी फिजा को गरमाए हुए। दक्षिण भारत में पारंपरिक रूप से कमजोर मानी जाने वाली भाजपा इस बार यहां से अधिक से अधिक सीटें निकालने की कोशिश कर रही है। जेडीएस के बाद टीडीपी को साथ लाने की कवायद इसी ओर इशारा करता है लेकिन भगवा दल को दक्षिण के सबसे बड़े राज्य से तगड़ा झटका लगा है।

AIADMK की दो टूक, बीजेपी से गठबंधन नहीं

बीजेपी की पुराने सहयोगी रही एआईएडीएमके हाल तक एनडीए का हिस्सा थी। 2021 में तमिलनाडु विधानसभा चुनाव भी पार्टी ने बीजेपी के साथ लड़ा था। लेकिन आईपीएस से नेता बने राज्य बीजेपी प्रमुख अन्नामलाई की आक्रमकता ने दिवंगत जयललिता की पार्टी को नाराज कर दिया और बीते साल सितंबर में उन्होंने एनडीए को अलविदा कह दिया। भाजपा इन दिनों पुराने सहयोगियों का एनडीए में वेलकम कर रही है। AIADMK को लेकर भी जेपी नड्डा और अमित शाह कह चुके हैं कि अगर वे आते हैं तो उनका स्वागत है। मगर AIADMK की ओर से स्पष्ट कर दिया है कि उनके दरवाजे अब बीजेपी के लिए बंद हो चुके हैं।

आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा। पार्टी के सचिव डी जयकुमार ने कहा कि अमित शाह ने कहा था कि भाजपा के दरवाजे एआईएडीएमके के लिए खुले हैं, मगर जहां तक हमारा सवाल है, एक समय था जब भाजपा हमारी सहयोगी पार्टी थी, लेकिन अब हम भाजपा का विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के भाजपा नेताओं ने द्रविड़ राजनीति के दिग्गजों सीएन अन्नादुरई और दिवंगत जयललिता का अपमान किया। हमारी तरफ से लगातार इसकी निंदा करने के बावजूद उनके अपमानजनक कमेंट बंद नहीं हुए। ऐसे में हम उनके साथ कैसे गठबंधन कर सकते हैं।


अन्नामलाई के बयान पर हुआ था विवाद

दक्षिण में बीजेपी के नए पोस्टर ब्वाय तमिलनाडु बीजेपी चीफ अन्नामलाई के निशाने पर सत्तारूढ़ डीएमके के साथ-साथ पूर्व सहयोगी एआईएडीएमके के नेता भी रहे हैं। उन्होंने द्रविड़ पार्टियों के नेता पर हिंदू धर्म का अपमान करने और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। अन्नामलाई ने एकबार दिवंगत सीएम जयललिता का नाम न लेते हुए कहा था कि 1991 से 1996 के बीच तमिलनाडु में कई भ्रष्ट राजनेता थे, जिसकी वजह से मुख्यमंत्रियों को जेल जाना पड़ा, इससे देश में तमिलनाडु में सबसे भ्रष्ट राज्यों में गिना जाने लगा था।

तमिलनाडु बीजेपी चीफ ने जब ये बयान दिया था उस वक्त एआईएडीमके एनडीए का हिस्सा थी। इस बयान पर पार्टी की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई और उनकी ओर से बीजेपी आलाकमान से अन्नामलाई को हटाने तक की मांग की गई। लेकिन जब बीजेपी शीर्ष नेतृत्व ने ऐसा करने से मना कर दिया तो उन्होंने एनडीए से बाहर निकलने का फैसला किया।


तमिलनाडु में क्या खाता खोल पाएगी बीजेपी ?

2019 के लोकसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला एआईएडीएमके – बीजेपी गठबंधन (एनडीए) और डीएमके – कांग्रेस – लेफ्ट गठबंधन के बीच हुआ था। देश भर में प्रचंड मोदी लहर के बावजूद दक्षिण के इस बड़े राज्य में बीजेपी गठबंधन को शर्मनाक पराजय का सामना करना पड़ा। 39 सीटों वाली तमिलनाडु में 38 सीटें डीएमके – कांग्रेस – लेफ्ट गठबंधन के खाते में गईं और महज एक सीट पर एआईएडीएमके जीत पाई। 2014 में कन्याकुमारी की एकमात्र सीट जीतने वाली भाजपा इस बाल अलायंस के बावजूद खाता तक नहीं खोल पाई थी।

सियासी जानकारों की मानें तो बीजेपी ने तमिलनाडु में संगठन को विस्तार करने की गंभीर कोशिश की है। अन्नामलाई के रूप में एक युवा और जुझारू नेता को कमान देकर पार्टी ने एकदम जीरो से शुरूआत की है। अन्नामलाई लगातार जमीन पर संघर्ष करते नजर आ रहे हैं और सत्तारूढ़ डीएमके को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ते। जानकारों की मानें तो बीजेपी कुछ छोटी पार्टियों के सहयोग से साउथ तमिलनाडु की कुछ सीटों पर अच्छा प्रदर्शन कर सकती है।

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