Lok Sabha Elections 2024: विधानसभा चुनावों में बीजेपी की जीत से लोकसभा चुनाव पर क्या पड़ेगा असर?

Lok Sabha Elections 2024: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए इन राज्यों के परिणामों को एक तरह से सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है। यह जीत विपक्ष पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाएगी।

Report :  aman
Update:2023-12-03 10:59 IST

पीएम मोदी और राहुल गांधी (Social Media) 

Lok Sabha Elections 2024: देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में से चार के नतीजे आने शुरू हो गए हैं। हिंदी पट्टी में एक बार फिर बीजेपी का भगवा लहराता नजर आ रहा है। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले इन नतीजों को सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है। रविवार (03 दिसंबर) को मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh), छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh), राजस्थान (Rajasthan) जैसे हिंदी भाषी राज्यों तथा दक्षिण भारत के राज्य तेलंगाना (Telangana) के चुनावी नतीजे आ रहे हैं।जबकि, मिजोरम के चुनाव परिणाम 4 नवंबर को आएगा। 

इन सभी राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद एग्जिट पोल ने ऐसा तूफान खड़ा किया, जिससे कोई स्पष्ट तस्वीर साफ़ होती नजर नहीं आ रही थी। इसलिए देशवासियों को रिजल्ट के दिन का बेसब्री से इंतजार था। गौरतलब है कि, देश की हृदयस्थली यानी मध्य प्रदेश में विधानसभा की 230 सीटें, राजस्थान में 199 सीटें और छत्तीसगढ़ में 90 सीटें हैं, जहां कांग्रेस और बीजेपी में सीधा मुक़ाबला है। दरअसल, इन राज्यों के परिणाम ये तय कर देंगे कि 2024 लोकसभा चुनाव में ऊंट किस करवट बैठने वाला है। 

क्यों है 2024 का सेमीफाइनल? 

इन पांच राज्यों के रिजल्ट को लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। इसकी वजह है कि अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं। किसी भी पार्टी के लिए इन राज्यों को फतह करना इसलिए मायने रखता है क्योंकि, यहां अच्छी-खासी लोकसभा सीटें हैं। सीधा मतलब है, राज्य में पार्टी जितनी मजबूत होगी लोकसभा चुनाव के परिणाम उतने स्पष्ट होंगे। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की बढ़त ये इशारा कर रही है कि, 2024 चुनाव को लेकर जनता का मूड क्या है? 

विपक्ष पर होगा मनोवैज्ञानिक दबाव   

दरअसल, मध्य प्रदेश में लोकसभा की 29 सीटें हैं, जबकि राजस्थान में 25 सीटें। इसी तरह, छत्तीसगढ़ में 11 सीटें तो तेलंगाना में 17 सीटें हैं। इन सभी सीटों को जोड़ दें तो कुल 82 लोकसभा सीट इन राज्यों में है। विधानसभा चुनाव में जीत जितनी बड़ी होगी, विपक्ष पर मनोवैज्ञानिक दबाव उतना ही ज्यादा होगा। ऐसे में बीजेपी के पास खुश होने की एक और वजह है, वो हैं प्रधानमंत्री मोदी का फेस। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ही बात करें तो यहां 6 महीने पहले तक हवा का रुख बीजेपी के विपरीत था। लेकिन, पार्टी की एकजुटता कहें या 'मोदी मैजिक', जो भी हो नतीजे उसके पक्ष में दिख रहे हैं। लोकसभा चुनाव में ऐसे भी प्रधानमंत्री मोदी का चेहरा अन्य से बीस रहा है, ये जगजाहिर है।   

विजेता लोकसभा में जीत को लेकर होंगे आश्वस्त 

इन राज्यों में जिस भी पार्टी की सरकार बनती है, वो लोकसभा चुनाव की सीटों पर जीत को लेकर आश्वस्त रहेगी। हालांकि, इन राज्यों के विधानसभा और लोकसभा चुनावों के पैटर्न पर नजर डालें तो हमेशा बदले-बदले रहे हैं। जैसे पिछले विधानसभा चुनाव में राजस्थान में अशोक गहलोत बहुमत  सरकार बनाने में सफल रहे लेकिन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को महज 1 सीट ही मिली। ऐसे में जब लोकसभा चुनाव में 6 महीने से भी कम का वक़्त बचा है, तो हवा का रुख समझना मुश्किल नहीं है। 

कांग्रेस का जातिगत जनगणना मुद्दा फेल !

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इन चुनावों के दौरान जातिगत जनगणना का मुद्दा खूब जोर-शोर से उठाया था। राजस्थान रैली में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा था कि, वो जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी करें। वहीं, प्रधानमंत्री ने 6 नवंबर को मुफ्त अनाज योजना को अगले 5 साल तक बढ़ाने का फ़ैसला किया। ये चुनाव कहीं न कहीं जातिगत जनगणना के मुद्दे और पीएम मोदी की योजनाओं के बीच देखा जाने लगा था। कुल मिलाकर कहें तो कांग्रेस सहित विपक्ष का जातिगत जनगणना का मुद्दा फेल होता नजर आ रहा है।  

PM मोदी-राहुल गांधी ने जमकर किया प्रचार 

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव प्रचार में कांग्रेस और बीजेपी ने काफी जोर-आजमाइश की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने जी तोड़ मेहनत की। चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने अपनी सरकार की योजनाओं की जमकर तारीफ की, तो वहीं विपक्षी राज्यों में उसके मुख्यमंत्रियों पर हमलावर रहे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी पांचों राज्यों में उसके स्टार प्रचारक रहे। बहन प्रियंका गांधी भी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की ताबड़तोड़ रैलियां की।

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