मान्यता के अनुसार श्रावण महीने को देवों के देव महादेव भगवान शंकर का महीना माना जाता है। इस बार सावन माह तिथियों की घटबढ़ रहेगी। यानी एक तिथि दो दिन तक मनाई जाएगी और एक तिथि का क्षय रहेगा। तिथियों के कम-ज्यादा होने के बावजूद भी इस बार सावन का महीना पूरे 30 दिन का ही रहेगा। 17 जुलाई से सावन माह की शुरुआत हो चुकी है और 15 अगस्त के दिन रक्षाबंधन पर इसका समापन होगा। इस साल सावन माह के चारों सोमवार पर विशेष योग बन रहा है। माना जाता है कि इस शिवरात्रि के मौके पर शिव बहुत जल्दी पसन्न होते हैं, इस बार सावन शिवरात्रि 30 जुलाई को है, माना जाता है कि इस दिन शिवशंभू को जल चढ़ाने से वे जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं, सावन शिवरात्रि यानी 30 जुलाई को शिव पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 9:10 बजे से लेकर दोपहर 2:00 बजे तक होगा। शिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठें और नहा धोकर खुद को स्वच्छ करें, मंदिर में जाते समय जल, दूध, दही, शहद, घी, चीनी, इत्र, चंदन, केसर, भांग सभी को मिलकार एक बर्तन में साथ ले जाएं और शिवलिंग का अभिषेक करें।
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मान्यता है कि सावन के महीने में भोलेनाथ अपने भक्तों की हर इच्छा पूरी करते हैं। सोमवार का व्रत करने वाले और उसकी विधिवत पूजन करने वाले जातकों को भोलेनाथ कभी निराश नहीं करते। जिनकी शादी नहीं हुई है, उन्हें भगवान शिव अच्छे वर का वरदान देते हैं और जिनकी हो चुकी है, उन्हें सुखमय वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद देते हैं।
इस बार सावन में 4 सोमवार आएंगे। पहला सोमवार 22 जुलाई को है। दूसरा 29 जुलाई को और तीसरा सोमवार 4 अगस्त को है। चौथा और सावन का आखिरी सोमवार 11 अगस्त को है।
15 अगस्त को सावन का आखिरी दिन है। बहुत से लोग सावन या श्रावण के महीने में आने वाले पहले सोमवार से ही 16 सोमवार व्रत की शुरुआत करते हैं। सावन महीने की एक बात और खास है कि इस महीने में मंगलवार का व्रत भगवान शिव की पत्नी देवी पार्वती के लिए किया जाता है। श्रावण के महीने में किए जाने वाले मंगलवार व्रत को मंगला गौरी व्रत कहा जाता है।
तीन प्रकार के व्रत
सावन सोमवार व्रत
सावन के महीने में सोमवार के व्रत को सावन का सोमवार व्रत कहते हैं। सावन के पहले सोमवार से 16 सोमवार तक व्रत रखने को सोलह सोमवार व्रत कहते हैं और प्रदोष व्रत भगवान शिव और मां पार्वती का आशीर्वाद पाने के प्रदोष के दिन किया जाता है।
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर स्वच्छ कपड़े पहनें। पूजा स्थान की सफाई करें। आसपास कोई मंदिर है तो वहां शिवलिंग पर जल व दूध अर्पित करें।
भोलेनाथ के सामने आंख बंद शांति से बैठें और व्रत का संकल्प लें। दिन में दो बार सुबह और शाम को भगवान शंकर व मां पार्वती की अर्चना जरूर करें।
शंकर जी के सामने तिल के तेल का दीया प्रज्वलित करें और फल व फूल अर्पित करें। ऊँ नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करते हुए भगवान शंकर को सुपारी, पंच अमृत, नारियल व बेल की पत्तियां चढ़ाएं। सावन सोमवार व्रत कथा का पाठ करें और दूसरों को भी व्रत कथा सुनाएं। पूजा का प्रसाद वितरण करें और शाम को पूजा कर व्रत खोलें।
सावन के महीने में जो लोग साफ मन से भगवान शिव की आराधना करते हैं, उनकी सारी मनोकामना पूरी हो जाती है। इस बार सावन का पवित्र महीना 17 जुलाई से शुरू हुआ है। जबकि, सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई को पडऩे वाला है। मान्यता है कि, यदि कोई कुंवारी लड़की सावन के पूरे महीने में भगवान शिव का पूजन करें तो उसे मनचाहा वर मिलता है। मनोकामना के अनुसार भगवान शिव का पूजा-अर्चना करने से मनचाहा फल मिलता है।
कहते हैं किस सावन के महीने में शिवलिंग पर दूध की धारा से अभिषेक करने पर व्यक्ति बुद्धिमान होता है। उसके परिवार में कलह और क्लेश भी नहीं रहता है।
सावन के महीने में भगवान शिव को शहद चढ़ाने से खराब बीमारी से इंसान को मुक्ति मिलती है।
शिवलिंग पर गंगा जल चढ़ाने से सर्वसुख व मोक्ष मिलता है।
परिवार में खुशहाली और काम में सफलता के लिए शिवलिंग का जल की धारा से अभिषेक करना चाहिए।
जो भक्त तमाम रोगों से मुक्ति चाहता है तो उसे गाय का शुद्ध घी भगवान शिव को अर्पित करना चाहिए।
शिवलिंग पर इत्र चढ़ाने से काम, सुख व भोग में वृद्धि होती है।
शिव जी को गेहूं से बनी चीजें अर्पित करने से आप उन्हें जल्दी प्रसन्न कर सकते हैं।
माना जाता है कि एश्वर्य पाने के लिए मूंग का भोग लगाया जाना चाहिए।
मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए चने की दाल का भोग लगाया जाना चाहिए।
माना जाता है कि शिव जी को तिल चढ़ाने से पापों का नाश होता है।
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महाकाल मंदिर बनेगा आधुनिक
उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन करने ?आने वाले श्रद्धालुओं को 2020 के सावन मास में नई स्मार्ट सुविधाएं उपलब्ध हो सकती हैं। स्मार्ट सिटी मिशन में रुद्रसागर के किनारे पब्लिक प्लाजा, शिव स्तंभ, लोटस पॉंड और पार्किंग बनाने का काम तेजी से किया जा रहा है। निर्माण एजेंसी का टारगेट है अगले श्रावण में श्रद्धालु मंदिर का नया आधुनिक परिवेश देख सकें। स्मार्ट सिटी मिशन में महाकाल क्षेत्र एरिया बेस्ड डेवलपमेंट में शामिल है। इसके लिए दो चरण में योजनाएं मंजूर की हैं। पहले चरण में 97 करोड़ रुपए से रुद्रसागर के किनारे नई स्मार्ट सुविधाएं विकसित करने का काम अप्रैल में शुरू कर दिया था। रुद्रसागर किनारे पब्लिक प्लाजा के पास शिव स्तंभ का निर्माण होना है। इस स्तंभ पर शिव कथाएं और शिव के बारे में अन्य जानकारी दी जाएगी। त्रिवेणी संग्रहालय के समीप नया प्रवेश द्वार बनेगा। इसके पास पब्लिक प्लाजा, पार्किंग विकसित होगी। गेट से प्रवेश के बाद आकर्षक फव्वारा होगा और वहीं से पब्लिक प्लाजा में यात्री आएंगे। यहां से श्रद्धालु मंदिर पहुंचेंगे। रास्ते में एक तरफ हेरिटेज वॉल होगी। दिव्यांग और वृद्ध श्रद्धालुओं के लिए बैटरी ऑपरेटेड वाहन भी चलेंगे। योजना के दूसरे चरण में 154 करोड़ की योजनाएं हैं। इसके लिए केंद्र सरकार से 80 करोड़ रुपए स्मार्ट सिटी कंपनी को आवंटित हो गए हैं। दूसरे चरण में कुंभ संग्रहालय व महाकाल चौक बनेगा।