गंभीर हैं हालातः कोरोना की रफ्तार, एक दिन के रिकार्ड में अव्वल भारत
3 सितम्बर की स्थति ये है कि भारत में एक दिन में 83 हजार से ज्यादा केस दर्ज किये गए हैं। भारत में प्रति 1.09 सेकेण्ड पर कोरोना संक्रमण का नया केस आ रहा है।
लखनऊ: भारत में कोरोना महामारी थमने का नाम नहीं ले रही है। इसका ग्राफ लगातार ऊपर ही जा रहा है। कुल मरीजों की संख्या को लेकर भले ही भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर हो लेकिन हर रोज सबसे अधिक मामले यहीं ही आ रहे हैं। भारत में अब तक कोरोना के करीब 39 लाख मामले रिकॉर्ड हो चुके हैं और 8 लाख एक्टिव केस हैं।
प्रति 1.09 सेकेण्ड पर सामने आ रहा कोरोना का नया केस
3 सितम्बर की स्थति ये है कि भारत में एक दिन में 83 हजार से ज्यादा केस दर्ज किये गए हैं। भारत में प्रति 1.09 सेकेण्ड पर कोरोना संक्रमण का नया केस आ रहा है। जबकि मृत्यु दर प्रति 96.21 सेकेण्ड पर एक व्यक्ति की है।
ये भी पढ़ें- क्या शिक्षक दिवस से दूर होगी शिक्षकों की समस्याएं ?
ब्राज़ील में 2.30 सेकेण्ड पर एक नया केस और प्रति दो मिनट पर एक मृत्यु की दर है। वहीं अमेरिका में प्रति 2.32 सेकेण्ड पर एक नया केस और प्रति 2 मिनट पर एक मौत की दर है। भारत में 67 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं औ कुल मृत्यु दर दो फीसदी है।
ज्यादा केस, ज्यादा मौतें
देश में बीते दस दिनों में छह बार कोरोना वायरस के कारन प्रतिदिन मौतों का आंकड़ा एक हजार से ज्यादा का रहा है। इससे संकेत मिलती है कि अब ये नई नार्मल स्थिति हो रही है। प्रति दिन सर्वाधिक मौतों के साथ महाराष्ट्र सबसे ऊपर है लेकिन कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में मौतें रिपोर्ट की जा रहीं हैं। यही नहीं, पंजाब में भी मौतों की तादाद बढ़ती जा रही है। जबकि अपेक्षाकृत इस राज्य में कोरोना संक्रमित लोगों की तादाद कम है। पंजाब में करीब 57 हजार कुल केस और 15 हजार एक्टिव केस हैं फिर भी वहां 2 सितम्बर को 100 मौतें रिकार्ड की गयीं।
ये भी पढ़ें- कोरोना से मजाक नहींः झुंड न बनाएं, मास्क दूसरे को बचाता है आपको नहीं
जबकि इससे पहली प्रतिदिन 40 से 60 मौतें हो रहीं थीं। मध्य प्रदेश, राजस्थान, केरल, गुजरात, ओडीशा और असम में कोरोना संक्रमितों और एक्टिव मामलों की संख्या काफी है लेकिन इन राज्यों में मृत्यु दर काफी कम है। कोरोना संक्रमितों की मौतों की संख्या आने वाले हफ़्तों में बढ़ने की आशंका है क्यों कि संक्रमण की संख्या में काफी तेजी आ गयी है। अभी जिन लोगों की मौतें दर्ज की जा रहीं हैं वे कम से कम दस दिन पहले संक्रमित हुए होंगे। अब चूँकि प्रतिदिन संक्रमण की संख्या 75 हजार क्रॉस कर रही है सो उसी अनुपात में मौतें बढ़ने के आसार हैं।
अस्पताल में बेड मिलना मुश्किल
उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि राज्य में कोरोनावायरस के मरीज़ों के लिए एक लाख से अधिक बेड उपलब्ध हैं, लेकिन उसके बावजूद राजधानी लखनऊ समेत राज्य के कई ज़िलों में मरीज़ों को वक़्त पर बेड न मिलने की घटनाएं सामने आ रही हैं। जगह-जगह मरीज़ अस्पतालों में भटक रहे हैं, एंबुलेंस कई-कई घंटे की देरी से पहुंच रही हैं। सबसे ज़्यादा बुरी स्थिति राजधानी लखनऊ और यहां से महज़ 90 किलोमीटर दूर कानपुर में है।
ये भी पढ़ें- खिलौना बाजारः 8000 अरब का कारोबार, भारत का हिस्सा मात्र 40 अरब
राज्य में कोरोना वायरस के मरीज़ों की संख्या और बेड के सरकारी आंकड़ों को देखें तो बेड की संख्या पर्याप्त नज़र आती है। यूपी में कोरोना वायरस के मरीज़ों की लिए 101,236 बेड हैं। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के मरीज़ों की कुल संख्या 3 सितंबर को 2,41,439 थी, जिसमें 60 हजार से ज्यादा एक्टिव मरीज हैं। इस हिसाब से राज्य में सक्रिय मरीज़ों की तुलना में काफी ज़्यादा बेड उपलब्ध हैं। इसके अलावा राज्य में काफी मरीज़ होम आइसोलेशन में रह रहे हैं। इसके बावजूद अस्पताल में बेड न मिलने की शिकायतें आम हैं।