पुलिस ने कमलनाथ के मंत्रियों को किया गिरफ्तार, कांग्रेस ने लगाए ये गंभीर आरोप
मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से सियासी उठापठक लगातार जारी है। प्रदेश के दोनों बड़े दल कांग्रेस और बीजेपी अपना-अपना पाला मजबूत करने में लगे हैं। इसी सिलसिले में कमलनाथ सरकार से नाराज और सिंधिया गुट के विधायकों को मनाने और वापस भोपाल लाने के लिए मंत्री जीतू पटवारी और लखन सिंह बेंगलुरु पहुंचे थे।
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से सियासी उठापठक लगातार जारी है। प्रदेश के दोनों बड़े दल कांग्रेस और बीजेपी अपना-अपना पाला मजबूत करने में लगे हैं। इसी सिलसिले में कमलनाथ सरकार से नाराज और सिंधिया गुट के विधायकों को मनाने और वापस भोपाल लाने के लिए मंत्री जीतू पटवारी और लखन सिंह बेंगलुरु पहुंचे थे।
मिली जानकारी के मुताबिक दोनों ही नेता जब उस रिजॉर्ट पर पहुंचे जहां सिंधिया गुट के विधायकों को रखा गया था तो कहा जा रहा है कि वहां उन दोनों के साथ पुलिस की कहासुनी और धक्कामुक्की भी हुई।
इसके बाद अब कांग्रेस ने बेंगलुरु पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है। कांग्रेस ने कहा है कि कमलनाथ सरकार के मंत्री जीतू पटवारी और लखन सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दोनों मंत्री विधायक मनोज चौधरी से मिलने बेंगलुरु गए थे।
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कांग्रेस ने कहा कि अगर बेंगलुरु पुलिस हमारे मंत्रियों और विधायकों की फौरन रिहाई नहीं करती है, तो हम कोर्ट जाएंगे। बेंगलुरु में कमलनाथ सरकार के मंत्री जीतू पटवारी और ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों के बीच झड़प की सूचना भी सामने आई है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर कर्नाटक गए कमलनाथ सरकार के दो मंत्रियों के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मध्य प्रदेश सरकार के दो मंत्री जो कि कर्नाटक में अपने बागी विधायकों से बातचीत के लिए गए थे, उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
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कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार के दो मंत्री जीतू पटवारी और लाखन सिंह कर्नाटक के दौरे पर गए थे। इन नेताओं के साथ यहां पर मारपीट की गई और इसके बाद पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया।
मध्य प्रदेश के विधानसभा स्पीकर ने कांग्रेस के 7 बागी विधायकों को नोटिस भेजा है। स्पीकर ने सभी विधायकों को उनके आधिकारिक निवास पर नोटिस भेजा है। इससे पहले कमलनाथ सरकार के 6 मंत्रियों को स्पीकर ने नोटिस भेजा था। विधानसभा स्पीकर ने कहा कि मैं कायदे और कानूनों से बंधा हुआ हूं।
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विधानसभा स्पीकर के नोटिस के बाद हर हाल में विधायकों को सदन में उपस्थित होना होगा। सदन में उन्हें बताना होगा कि किसी दबाव के चलते उन्होंने पार्टी से बगावत की है या अपनी इच्छा से उन्होंने अपनी पार्टी से अलग रुख अख्तियार किया है।