Maharashtra Cabinet Expansion: कैबिनेट विस्तार में फंसा पेंच, भाजपा आलाकमान से चर्चा करेंगे शिंदे और फडणवीस
Maharashtra Cabinet Expansion: मंत्रियों के नाम और विभागों को अंतिम रूप देने के बाद शिंदे और फडणवीस आज दिल्ली जाएंगे।
Maharashtra Cabinet Expansion: महाराष्ट्र में शिंदे सरकार (Shinde Governemnt) के विश्वास मत हासिल करने के बाद भी अभी तक कैबेनेट का विस्तार (Cabinet Expansion) नहीं हो सका है। जानकारों का कहना है कि नए मंत्रियों की टीम को लेकर पेंच फंसा हुआ है और इसे सुलझाने की कोशिश की जा रही है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने गुरुवार को नई टीम को लेकर गहन चर्चा की। नए मंत्रियों के नाम तय करने के साथ ही विभागों के आवंटन पर भी दोनों नेताओं ने मंत्रणा की है। मंत्रियों के नाम और विभागों को अंतिम रूप देने के बाद शिंदे और फडणवीस आज दिल्ली जाएंगे।
जानकार सूत्रों का कहना है कि भाजपा आलाकमान से मंत्रणा करने के बाद मंत्रियों की सूची को अंतिम मंजूरी दी जाएगी। वैसे मंत्रिमंडल विस्तार में हो रही देरी के लिए सुप्रीम कोर्ट में 11 जुलाई को होने वाली सुनवाई को भी बड़ा कारण माना जा रहा है।
कई विधायक बना रहे हैं दबाव
शिवसेना से बगावत करके शिंदे गुट में शामिल होने वाले 40 विधायकों में से नौ विधायक उद्धव सरकार में मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। इन नेताओं के अलावा बागी गुट के कई और विधायक भी खुद को नए मंत्रिमंडल में समायोजित करने का दबाव बना रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री शिंदे के लिए बागी विधायकों में से मंत्रियों का चेहरा करना कठिन साबित हो रहा है। शिंदे सरकार ने 4 जुलाई को ही विधानसभा में बहुमत की परीक्षा आसानी से पास कर ली थी मगर अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं किया जा सका है।
जानकारों का कहना है कि शिंदे और फडणवीस के बीच गुरुवार को इस मुद्दे पर गहन चर्चा हुई है। दोनों नेताओं ने मंत्रियों की सूची तैयार की है और इस सूची पर अंतिम मुहर भाजपा आलाकमान की ओर से लगाई जाएगी। भाजपा आलाकमान से चर्चा के लिए दोनों नेता आज दिल्ली जाने वाले हैं।
महत्वपूर्ण विभाग अपने पास रखेगी भाजपा
भाजपा सूत्रों का कहना है कि पार्टी के विधायकों की संख्या ज्यादा है और ऐसे में 28 मंत्रालय भाजपा विधायकों को सौंपे जा सकते हैं जबकि शिंदे गुटको 14 मंत्रालयों की कमान सौंपी जा सकती है। मंत्रियों का नाम तय करने में क्षेत्रीय और जातीय समीकरण साधने की भी पूरी कोशिश की जा रही है। मुख्यमंत्री शिंदे की ओर से छोटे सहयोगियों को भाजपा कोटे से समायोजित करने का दबाव बनाया जा रहा है। देखने वाली बात होगी कि भाजपा इस दबाव को कहां तक मानती है।
सूत्रों का कहना है कि भाजपा गृह, वित्त, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, उद्योग और कृषि जैसे महत्वपूर्ण महकमे अपने पास रख सकती है। दूसरी ओर शिंदे गुट को शहरी विकास, जल संसाधन, पीडब्ल्यूडी और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय सौंपे जा सकते हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि मंत्रियों के नाम और विभागों को लेकर असंतोष भी पैदा हो सकता है और इसीलिए बागी गुट और भाजपा की ओर से फूंक-फूंक कर कदम रखा जा रहा है।
राष्ट्रपति चुनाव की गतिविधियां भी तेज
शिंदे गुट की ओर से राष्ट्रपति के चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन का ऐलान पहले ही किया जा चुका है। महाराष्ट्र के विधायकों से मुलाकात करने के लिए मुर्मू 14 जुलाई को मुंबई पहुंचने वाली है। दूसरी ओर महाविकास अघाड़ी गठबंधन भी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर रणनीति बनाने में जुटा हुआ है।
गठबंधन की बैठक 17 जुलाई को होने वाली है जिसमें राष्ट्रपति चुनाव की रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा। एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने विपक्षी दलों के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के चुनाव की कमान संभाल ली है। वे दिल्ली में लगातार इस बाबत बैठक करने में जुटे हुए हैं। 17 जुलाई की बैठक में उनके भी हिस्सा लेने की संभावना है।