Maharashtra News: त्र्यंबकेश्वर मंदिर में चादर चढ़ाने की कोशिश करने लगे समुदाय विशेष के लोग, एसआईटी करेगी मामले की जांच
Maharashtra News: सभी आरोपी मंदिर में चादर चढ़ाना चाहते थे लेकिन मंदिर के गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अंदर प्रवेश करने से रोक दिया है। घटना से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
Maharashtra News: भगवान शिव के 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक नासिक स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर में समुदाय विशेष के कुछ लोगों द्वारा जबरन प्रवेश करने की कोशिश करने का मामला सामने आया है। सभी आरोपी मंदिर में चादर चढ़ाना चाहते थे लेकिन मंदिर के गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अंदर प्रवेश करने से रोक दिया है। घटना से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसकी वजह से इलाके में सांप्रदायिक तनाव व्यापत है।
पुलिस ने इस मामले में एक्शन लेते हुए मंगलवार को एफआईआर दर्ज की है। वहीं, राज्य सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम सह गृह मंत्री देवेंद्र फडनवीस ने मामले की जांच एसआईटी से कराने के आदेश दिए हैं। एडीजी रैंक के अधिकारी इस घटना की जांच करेंगे। इस घटना के साथ-साथ पिछले साल भी घटी एक ऐसी घटना की भी जांच की जाएगी।
अब तक 5 आरोपी गिरफ्तार
नासिक पुलिस ने एक बयान जारी कर बताया कि इस मामले में एफआईआर दर्ज कर आरोपियों को धरपकड़ शुरू कर दी गई है। मंदिर परिसर में लगे सीसीटीवी फुटेज के जरिए आरोपी युवकों की पहचान की कोशिश जारी है। नासिक के आईजी बीजी शेखर ने बताया कि अब तक इस मामले में पांच युवकों को हिरासत में लिया गया है। थाने में उससे पूछताछ जारी है। इस घटना में शामिल अन्य आरोपियों की भी तलाश जारी है।
13 मई को हुई थी घटना
त्र्यंबकेश्वर मंदिर में घटी यह घटना 13 मई यानी बीते शनिवार की है। मंदिर ट्रस्ट ने इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज कराई है। ट्रस्क के एक अधिकारी ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि 10-12 युवक हरी चादर और फूलों के गुच्छे के साथ मंदिर में जबरन प्रवेश करने की कोशिश करने लगे। उन्हें जब सुरक्षाकर्मियों ने रोका तो वे उन्हीं से उलझ गए। हालांकि, विरोध के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा।
इससे पहले बीते साल भी खास समुदाय के लोगों ने मंदिर के अंदर घुसने की कोशिश की थी, जिसे लेकर इलाके में तनाव फैल गया था। बता दें कि 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक त्र्यंबकेश्वर मंदिर में गैर-हिदू समुदाय के लोगों का प्रवेश वर्जित है।