संतों की हत्या के खिलाफ नागाओं की फौज महाराष्ट्र करेगी कूच, सौ से ज्यादा गिरफ्तार
महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं समेत 3 लोगों की पीट-पीटकर मौत के मामले में गुस्सा उत्तर प्रदेश तक पहुंच गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र सीएम उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की और कसूरवारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
मुंबई: महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं समेत 3 लोगों की पीट-पीटकर मौत के मामले में गुस्सा उत्तर प्रदेश तक पहुंच गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र सीएम उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की और कसूरवारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
वहीं इस मामले में लापरवाही बरतने पर दो पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है। घटना की जांच कर रहे कोंकण रेंज के आईजी ने कासा पुलिस स्टेशन के इंचार्ज और सेकेंड ऑफिसर को निलंबित कर दिया है। इस मामले में अब तक 100 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है।
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गृह मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट
साधुओं की पीट-पीटकर हत्या के मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय भी एक्टिव हो गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने महाराष्ट्र की उद्धव सरकार से रिपोर्ट मांगी है। सूत्रों के मुताबिक, इस रिपोर्ट में पूछा गया है कि सरकार की ओर से क्या-क्या कार्रवाई की गई है?
इस बीच उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में साधुओं की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने हत्या पर नाराजगी जताई है। परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी महराज ने ऐलान किया है कि लॉक डाउन के बाद नागाओं की फौज महाराष्ट्र कूच करेगी। उनका आरोप है कि महराष्ट्र में रावण राज चल रहा है।
नरेंद्र गिरी महराज ने आरोप लगाया कि पुलिस ने साधुओं को मारने के लिए सुपुर्द कर दिया। ऐसी वीभत्स हत्या, ऐसी दर्दनाक मौत पर मुझे आश्चर्य है कि यह मनुष्य नहीं कर सकता। यह राक्षस हैं और राक्षस लोग ही ऐसा कर सकते हैं. मुझे लगता है महाराष्ट्र में अब रावण राज आ गया है, उद्धव ठाकरे का राज नहीं है रावण राज है।
महाराष्ट्र में साधुओं की हत्या पर गुस्साए लोग, BJP और संतों ने की कार्रवाई की मांग
क्या है मामला
16-17 अप्रैल की दरमियानी रात को पालघर से करीब 100 किलोमीटर दूर मॉब लिंचिंग की वारदात हुई। पालघर के गड़चिनचले गांव में मुंबई से सूरत जा रहे दो साधुओं और ड्राइवर की गाड़ी रोक कर जान ले ली। भीड़ के हत्थे चढ़े साधु मुंबई के जोगेश्वरी स्थित हनुमान मंदिर के थे। दोनों साधु मुंबई से सूरत अपने गुरू के अंतिम संस्कार में जा रहे थे।
लॉकडाउन के चलते पुलिस ने साधुओं को हाइवे पर जाने से रोक दिया। फिर इको कार में सवार साधु ग्रामीण इलाके की तरफ मुड़ गए जहां मॉब लिंचिंग के शिकार हो गए।
पुलिस की माने तो अफवाह के कारण साधु और ड्राइवर भीड़ के शिकार हुए। भीड़ ने चोर समझ कर साधुओं की गाड़ी रोकी थी। मौके पर फौरन पुलिस भी पहुंची, लेकिन लाठी-डंडों- कुल्हाड़ी और दूसरे हथियारों से लैस 200 की भीड़ के आगे पुलिसवालों की एक नहीं चली।
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