मारे जाएंगें 10,000 पक्षी: लगातार मौतों से मचा हाहाकार, इंसानों के लिए बढ़ा खतरा
लगातार हो रही मुर्गियों की मौत की वजह बर्ड फ्लू ही है। जिसके चलते गांव के एक किलोमीटर के दायरे में पक्षियों को मारने का फैसला लिया गया है। साथ ही 10 किलोमीटर के इलाके को प्रतिबंधित जोन घोषित किया गया है।
नई दिल्ली। पूरे देश में बर्ड फ्लू से हाहाकार मची हुई है। ऐसे में केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने सोमवार इस बारे में कहा कि इंसानों को बर्ड फ्लू का संक्रमण होने को लेकर कोई वैज्ञानिक रिपोर्ट नहीं है। राज्यों को मंडियों को बंद या फिर पोल्ट्री उत्पादों की बिक्री पर पाबंदी नहीं लगानी चाहिए। बता दें, उनका ये बयान प्रोसेस्ड और पैकेज्ड चिकन के बाहर से आपूर्ति पर दिल्ली सरकार द्वारा रोक लगाए जाने के बाद आया है। जिसके बाद से इनका ये बयान चर्चा में बने हुए हैं।
ये भी पढ़ें...UP में बर्ड फ्लू की दस्तक: इन राज्यों में फैला वायरस, 1200 पक्षियों की मौत
इंसानों में फैल सकता
बर्ड फ्लू को लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि दिल्ली में बाहर से प्रोसेस्ड और पैकेज्ड चिकन की आपूर्ति पर रोक लगाई गई है। साथ ही यह सामान्य इंफ्लूएंजा है जो पक्षियों, जानवरों या इंसानों में फैल सकता है लेकिन बर्ड फ्लू इंसानों से इंसानों में नहीं फैलता है। ये केवल संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने से इंसानों में फैल सकता है।
आगे बताते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग चिकन और अंडा खाते हैं, अगर वे पूरी तरह से पका हुआ चिकन या उबला हुआ अंडा खाते हैं तो उन्हें संक्रमण नहीं होगा। प्रदेश सरकार सरकार सभी ऐहतियाती कदम उठा रही है और इसे फैलने से रोकने की सरकार पूरी कोशिश कर रही है, ऐसे में लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है।
इस बीच महाराष्ट्र में परभणी के मुरंबा गांव में मृत 900 मुर्गियों की मौत बर्ड फ्लू से होने के बाद जिला प्रशासन ने गांव में 8,000 से 10,000 पक्षियों को मारकर दफनाने का बड़ा निर्णय लिया है।
ये भी पढ़ें...UP में बर्ड फ्लू अलर्ट: औरैया में प्रशासन आया एक्टिव मोड पर, दिए सख्त निर्देश
पक्षियों को मारने का फैसला
जानकारी देते हुए जिला कलेक्टर दीपक मुगलिकर कहा कि मुर्गियों की मौत की वजह बर्ड फ्लू ही है। इसके बाद गांव के एक किलोमीटर के दायरे में पक्षियों को मारने का फैसला लिया गया है। साथ ही 10 किलोमीटर के इलाके को प्रतिबंधित जोन घोषित किया गया है।
आगे बताते हुए कि यहां पर न किसी अन्य जगह से पक्षियों को लाया जाएगा न ही यहां से कहीं और ले जाया जाएगा। इसके लिए एक मेडिकल टीम को भी तैनात किया गया है जो गांव वालों की जांच करेगी।
वहीं राज्य के पशुपालन विभाग के सचिव अनूप कुमार ने कहा कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है और अंडों या चिकन का सेवन पूरी तरह से सुरक्षित है। वहीं राज्य के लातूर जिले के केंद्रेबाड़ी गांव में पक्षियों के मरने की तादाद 225 हो गई है। इनमें से कुछ पक्षियों के सैंपल को जांच के लिए भेजा गया है और रिपोर्ट का इंतजार है।
जिले के पशुपालन अधिकारी शिरीष कोकाने ने कहा कि हमारे प्रारंभिक सर्वे के अनुसार, करीब 15.000 पक्षियों को मारना पड़ेगा। जिला प्रशासन ने रविवार को केंद्रेबाड़ी के 10 किलोमीटर इलाके को अलर्ट जोन घोषित किया था। पक्षियों की लगातार हो रही मौतों को लेकर प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गया है।
ये भी पढ़ें... दिल्ली: बत्तखों के बाद अब मृत कौओं के सैम्पल भी बर्ड फ्लू पॉजिटिव