Maharashtra Crisis : देवेंद्र फडणवीस 1 जुलाई को ले सकते हैं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ
उद्धव ठाकरे ने बैठक में कहा- 'हमारे लोगों ने धोखा दिया'
वहीं, उद्धव कैबिनेट की बैठक जारी है। औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर किए जाने पर उन्होंने खुशी जताई। ठाकरे बोले, 'अपने सभी साथियों का शुक्रिया अदा करता हूं।' लेकिन, इस बीच उद्धव ने ये भी कहा कि इस समय बने हालातों में उनके 'अपनों' ने ही उनके साथ धोखा दिया।
कांग्रेस की मांग बदलें पुणे का नाम
उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में महाराष्ट्र सरकार की कैबिनेट बैठक जारी है। इस बीच कांग्रेस की तरफ से बड़ी मांग रखी गई है। कांग्रेस पार्टी चाहती है कि पुणे का नाम बदलकर 'जिजाऊ नगर' कर दिया जाए। हालांकि, अभी तक बैठक में इस मांग पर कोई फैसला नहीं लिया गया है।
औरंगाबाद का नाम बदलकर अब संभाजीनगर
सियासी खींचतान के बीच उद्धव ठाकरे सरकार ने कैबिनेट बैठक में आज बड़ा फैसला लेते हुए औरंगाबाद का नाम बदल दिया है। औरंगाबाद का नाम बदलकर अब संभाजीनगर करने का फैसला लिया गया है।
अगर 'अयोग्यता' को 11 जुलाई तक टाला गया, तो फ्लोर टेस्ट भी टाला जाए
सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना की ओर से पेश हुए उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, कि अगर 'अयोग्यता' को 11 जुलाई तक के लिए टाला गया है, तो फ्लोर टेस्ट को भी टाला जाए। जिसके बाद अब एकनाथ शिंदे गुट के वकील एन.के. कौल बहस कर रहे हैं।
'गवर्नर को मुख्यमंत्री की सलाह पर काम करना चाहिए, न कि विपक्ष के नेता की'
महाराष्ट्र संकट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान आज अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, 'गवर्नर को मुख्यमंत्री की सलाह पर काम करना चाहिए। मगर, वर्तमान में राज्यपाल विपक्ष के नेता की सलाह पर काम कर रहे हैं। विपक्ष के नेता उनसे शाम के वक्त मिलते हैं और अगले ही दिन फ्लोर टेस्ट की चिट्ठी आ जाती है। फ्लोर टेस्ट के लिए महज एक दिन का समय दिया गया। गवर्नर ने अपने लेटर में लिखा है कि 7 निर्दलीय विधायकों और विपक्ष ने गवर्नर को पत्र दिया है। साथ ही, शिव सेना के 34 विधायकों ने पार्टी पर असंतोष जताते हुए राज्यपाल को पत्र लिखा है।
'आप गवर्नर पर सवाल नहीं उठा सकते'
वहीं, शिवसेना के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, '34 शिवसेना के विधायक की चिट्ठी वेरीफाई नहीं हुआ है। उस पत्र की सत्यता का पता नहीं है। सिंघवी ने कहा, ये जानना जरूरी है कि क्या उन्हें किसी ने मजबूर किया ऐसा लेटर लिखने के लिए। इसके लिए गवर्नर ने अभी वेरीफाई नहीं किया है। उन्होंने कहा, हफ्ते भर बाद बताया कि कोई चिट्ठी आई है।' इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'मगर हम कैसे गवर्नर के विवेक पर सवाल उठा सकते हैं? उनकी संतुष्टि होगी। जो भी सच है वो सदन के पटल पर ही साबित होगा। कोर्ट ने कहा, आप गवर्नर पर सवाल नहीं उठा सकते।'
कैबिनेट बैठक से बाहर आईं वर्षा गायकवाड ने बताई वजह
वहीं, उद्धव कैबिनेट बैठक से बाहर आईं मंत्री वर्षा गायकवाड ने अचानक निकलने की वजह बताई। उन्होंने बताया कि वे अपनी एक महत्वपूर्ण फ़ाइल लेने आवास पर आई हैं। जल्द ही दोबारा कैबिनेट बैठक में शामिल होंगी।
सिंघवी- तो आसमान नहीं टूट पड़ेगा
सुप्रीम कोर्ट में सिंघवी ने कहा, 'राज्यपाल की तरफ से अचानक फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया गया। ऐसा विपक्ष के नेता के कहने पर किया गया। उन्होंने कहा, कि कल फ्लोर टेस्ट नहीं होगा तो आसमान नहीं टूट पड़ेगा। सिंघवी ने ये भी कहा कि, बागी विधायकों की अयोग्यता पर सुनवाई अगले हफ्ते होनी है।' इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने बोम्बई केस का हवाला दिया।
SC ने कहा- 'बहुमत का फैसला सिर्फ सदन में ही होगा'
सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना के वकील अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलें सुनने के बाद कहा कि, 'बहुमत का फैसला सिर्फ सदन में ही होगा।'
बैठक में तो आए, लेकिन बाहर निकल गए दो मंत्री
महाराष्ट्र सरकार में स्कूल एजुकेशन मिनिस्टर वर्षा गायकवाड (School Education Minister Varsha Gaikwad) और कैबिनेट मंत्री असलम शेख (Cabinet Minister Aslam Sheikh) आज कैबिनेट बैठक में तो पहुंचे, मगर ज्यादा देर नहीं रुके। ये दोनों अचानक बाहर निकल गए। इस दौरान मीडिया ने दोनों ही मंत्रियों से संपर्क साधने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। नहीं बताए कि वो सीएम उद्धव की कैबिनेट बैठक से क्यों बाहर निकले।