Maharashtra Politics: अजित पवार की निगाहें एनसीपी की चारों लोकसभा सीटों पर, डिप्टी सीएम के ऐलान से पवार कुनबे में घमासान तय
Maharashtra Politics: डिप्टी सीएम अजित पवार के इस ऐलान से पवार कुनबे में घमासान तय माना जा रहा है क्योंकि बारामती को पवार फैमिली का परंपरागत गढ़ माना जाता रहा है।
Maharashtra Politics: एनसीपी में बगावत करके महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम बनने वाले अजित पवार ने अब लोकसभा चुनाव को लेकर एक बड़ा ऐलान कर दिया है। इस ऐलान के मुताबिक अजित पवार खेमा लोकसभा की उन सभी चार सीटों पर चुनाव लड़ेगा जिन पर पिछले चुनाव में एनसीपी ने जीत हासिल की थी। मजे की बात यह है कि इनमें बारामती की वह सीट भी शामिल है जिस पर 2019 के लोकसभा चुनाव में एनसीपी मुखिया शरद पवार की बेटी और पार्टी की कार्यकारी प्रमुख सुप्रिया सुले ने चुनाव जीता था।
डिप्टी सीएम अजित पवार के इस ऐलान से पवार कुनबे में घमासान तय माना जा रहा है क्योंकि बारामती को पवार फैमिली का परंपरागत गढ़ माना जाता रहा है। हालांकि सुप्रिया सुले ने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को चुनाव लड़ने का अधिकार है और ऐसे में इस घोषणा का स्वागत है।
चारों सीटों पर लड़ेगा अजित पवार खेमा
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने कर्जत में आयोजित पार्टी के मंथन शिविर में अगले लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी की रणनीति को लेकर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान वे उन सभी चार लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे जिन पर पिछले चुनाव में एनसीपी ने जीत हासिल की थी। एनसीपी ने पिछले लोकसभा चुनाव में बारामती, शिरूर, रायगढ़ और सतारा लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। अजित पवार ने कहा कि हम इन सभी लोकसभा सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारेंगे।
दरअसल महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल भाजपा, शिंदे गुट और अजित पवार गुट ने अगले लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। भाजपा 26 लोकसभा सीटों पर दावेदारी कर रही है और ऐसे में शिंदे गुट और अजित पवार गुट ने भी सक्रियता बढ़ा दी है।
पवार कुनबे में घमासान तय
अजित पवार के इस ऐलान से पवार कुनबे में घमासान तय माना जा रहा है क्योंकि बारामती लोकसभा सीट से अजित पवार की चचेरी बहन और पार्टी के मुखिया शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने चुनाव जीता था।
अजित पवार के ऐलान के बाद सुप्रिया सुले ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में हर किसी को चुनाव लड़ने का अधिकार है और इस घोषणा में कुछ भी गलत नहीं है। सुप्रिया सुले ने कहा कि चुनाव में उनका स्वागत है। अब यह फैसला जनता को करना है कि चुनावी जंग में जीतने में कौन कामयाब होगा।
एनसीपी को हो सकता है सियासी नुकसान
सुले की ओर से भले ही यह बयान दिया गया हो मगर अजित पवार खेमे के चुनाव मैदान में उतरने से उन्हें सियासी नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। बारामती में ही नहीं बल्कि एनसीपी को अपने अन्य गढ़ों में भी झटका लग सकता है। ऐसे में अजित पवार की घोषणा से एनसीपी में खलबली मची हुई है।
अजित पवार ने इस साल जुलाई की शुरुआत में शरद पवार के खिलाफ बगावत करते हुए शिंदे सरकार में शामिल होने का फैसला किया था। बाद में उन्होंने 40 विधायकों के समर्थन का दावा करते हुए खुद को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया था। अब दोनों खेमों के बीच पार्टी पर कब्जे की जंग चुनाव आयोग तक पहुंच चुकी है।
दोनों गुटों में नहीं होगा एका
इस बीच अजित पवार के खेमे वाली एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष और सांसद प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि पार्टी के दोनों गुटों के बीच एकजुटता की संभावना नहीं दिख रही है। कर्जत में आयोजित मंथन शिविर के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान पटेल ने कहा कि पार्टी के अधिकांश जनप्रतिनिधियों, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल होने के अजित पवार के फैसले का समर्थन किया है।
उन्होंने कहा कि शरद पवार के नेतृत्व वाला खेमा लगातार यह अफवाह फैलाने में जुटा हुआ है कि दोनों खेमा जल्द ही एक का होने वाला है जबकि इसमें तनिक भी दम नहीं है। अजित पवार और शरद पवार की मुलाकातों के बारे में पूछे जाने पर पटेल ने कहा कि दोनों की मुलाकात अक्सर नहीं हुआ करती। पारिवारिक आयोजनों के दौरान ही दोनों की मुलाकात होती है और ऐसे में कार्यकर्ताओं को यह गलतफहमी नहीं पालनी चाहिए कि दोनों गुट एक साथ आने वाले हैं। उन्होंने कहा कि हम एनडीए में शामिल होने के अपने फैसले पर आगे भी कायम रहेंगे।