Maharashtra Politics: शिवसेना के बाद अब एनसीपी में भी नाराजगी, स्पीकर के चुनाव में गायब रहे पांच विधायक

Maharashtra Political Crisis: पार्टी के दो वरिष्ठ विधायक जेल में बंद होने के कारण स्पीकर के चुनाव में हिस्सा नहीं ले सके मगर पांच अन्य विधायक भी रविवार को विधानसभा नहीं पहुंचे।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2022-07-04 03:28 GMT

 Sharad Pawar (Photo: Social Media)

Maharashtra Crisis: महाराष्ट्र में शिवसेना में बड़ी टूट के बाद अब एनसीपी (NCP) में भी नाराजगी की बात सामने आई है। महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष के चुनाव ( speaker election) में रविवार को एनसीपी के पांच विधायकों का गायब रहना चर्चा का विषय बना हुआ है। इसके बाद पार्टी में सबकुछ ठीक न होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। पार्टी के दो वरिष्ठ विधायक जेल में बंद होने के कारण स्पीकर के चुनाव में हिस्सा नहीं ले सके मगर पांच अन्य विधायक भी रविवार को विधानसभा नहीं पहुंचे।

इन विधायकों को एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजीत पवार का करीबी माना जाता है। हालांकि अनुपस्थित रहने वाले एक विधायक ने नाराजगी की बात खारिज की है मगर अजीत पवार ने इस पूरे प्रकरण पर चुप्पी साध रखी है।

चर्चा का विषय बना विधायकों का गायब होना

महाराष्ट्र विधानसभा में रविवार को अध्यक्ष पद के चुनाव में शिंदे सरकार ने अपनी ताकत दिखा दी। भाजपा उम्मीदवार राहुल नार्वेकर 164 मतों के साथ अध्यक्ष बनने में कामयाब रहे जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी शिवसेना के राजन सालवी को सिर्फ 107 मत ही मिले। एनसीपी के विधानसभा में 53 विधायक हैं मगर इनमें से सिर्फ 46 विधायक ही स्पीकर के चुनाव में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे। एनसीपी के दो वरिष्ठ विधायक अनिल देशमुख और नवाब मलिक मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में इन दिनों जेल में बंद हैं। इस कारण वे विधान भवन नहीं पहुंच सके।

इन दोनों के अलावा पांच अन्य विधायक भी इस महत्वपूर्ण मौके पर विधान भवन नहीं पहुंचे। इन विधायकों में दत्तात्रेय भराने, बबन शिंदे, दिलीप मोहिते, नीलेश लंके और अन्ना बनसोडे शामिल हैं। हालांकि एनसीपी नेताओं की ओर से इन विधायकों की अनुपस्थिति को लेकर अलग-अलग दलीलें दी जा रही हैं।

अजीत पवार के करीबी हैं सभी विधायक

एनसीपी नेताओं का कहना है कि विधायकों की नाराजगी के बाद में कोई दम नहीं है। उन्होंने कहा कि शिंदे ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर होने के कारण विधान भवन नहीं पहुंचे जबकि भराने की मां का पिछले दिनों निधन हो गया था। मोहिते और बनसोडे विलंब से पहुंचने के कारण चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले सके। एनसीपी की ओर से लंके से कोई संपर्क न होने की बात कही गई है।

एनसीपी की ओर से दी जा रही दलीलें लोगों के गले के नीचे नहीं उतर रही हैं। दरअसल अनुपस्थित रहने वाले सभी विधायकों को पार्टी के वरिष्ठ नेता अजीत पवार का करीबी माना जाता है। पार्टी के जानकार सूत्रों का कहना है कि शिवसेना में विभाजन से पाहिले एनसीपी का एक वर्ग भाजपा के तहत हाथ मिलाने का इच्छुक था जबकि पार्टी के मुखिया शरद पवार और सुप्रिया सुले इस प्रस्ताव के पूरी तरह खिलाफ थे। इसे लेकर पार्टी के कुछ विधायकों में नाराजगी दिख रही है।

समीक्षा बैठक में अजीत पवार की चुप्पी

विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के समय पांच विधायकों की अनुपस्थिति को पार्टी के मुखिया शरद पवार ने गंभीरता से लिया है। रविवार को देर शाम हुई पार्टी की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा भी की गई। बैठक में मौजूद विधायक मोहिते ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वे पार्टी के खिलाफ नहीं हैं। बैठक में अजीत पवार भी मौजूद थे मगर उन्होंने इस पूरे मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की।

विधानसभा में विपक्ष के नेता की दावेदारी को लेकर भी अजीत पवार नाराज बताए जा रहे हैं। दरअसल वे विपक्ष के नेता पद के दावेदार हैं मगर जानकारों का कहना है कि शरद पवार जयंत पाटील को आगे करना चाहते हैं। इसे लेकर अजीत पवार नाराज बताए जा रहे हैं। हालांकि उन्होंने अभी तक कुछ भी खुलकर नहीं कहा है,लेकिन भीतर ही भीतर उनकी नाराजगी की बात सामने आई है। अपने समर्थक विधायकों की अनुपस्थिति पर चुप्पी साधे रखना उनकी नाराजगी की ओर इशारा कर रहा है।

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