Maharashtra Politics: शिंदे सरकार पर उद्धव का बड़ा हमला, दी चेतावनी-स्पीकर ने गलत फैसला लिया तो फिर जाएंगे कोर्ट

Maharashtra Politics: सुप्रीम कोर्ट की ओर से गुरुवार को फैसला सुनाए जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे लगातार शिंदे सरकार को घेरने की कोशिश में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से मौजूदा शिंदे सरकार को सिर्फ अंतरिम राहत दी गई है।

Update:2023-05-12 19:33 IST
Uddhav Thackeray (photo: social media )

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में पिछले साल हुए सत्ता परिवर्तन पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सियासी हलचल काफी तेज हो गई है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से गुरुवार को फैसला सुनाए जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे लगातार शिंदे सरकार को घेरने की कोशिश में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से मौजूदा शिंदे सरकार को सिर्फ अंतरिम राहत दी गई है। विधायकों की अयोग्यता के संबंध में स्पीकर को जल्द से जल्द फैसला लेना चाहिए और अगर वे गलत फैसला लेते हैं तो हम फिर इस मामले को लेकर कोर्ट पहुंचेंगे।

इस बीच विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने एक बार फिर अलग रुख अपनाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और राज्य के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से इस्तीफा मांगने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें यह बात सपने में भी नहीं सोचनी चाहिए कि मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम अपने पदों से इस्तीफा दे देंगे।

स्पीकर से जल्द फैसला लेने का अनुरोध

पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ हो गया है कि तत्कालीन राज्यपाल को सत्र बुलाने का अधिकार नहीं था। उन्होंने कहा कि इस फैसले के बाद नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं अपने इस्तीफा देने के फैसले पर पूरी तरह संतुष्ट हूं। मैं अपने साथ किए गए विश्वासघात के बाद मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहता था और इसी कारण मैंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया था।

ठाकरे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों की अयोग्यता के संबंध में स्पीकर को जल्द फैसला लेने का निर्देश दिया है। राज्य के स्पीकर पहले हमारे साथ थे। उसके बाद एनसीपी में गए और अब बीजेपी में है। उन्होंने कहा कि हमें स्पीकर से निष्पक्ष फैसले की उम्मीद है। उन्हें विधायकों की अयोग्यता के मुद्दे पर जल्द फैसला लेना चाहिए और अगर उन्होंने कोई गलत फैसला लिया तो हम फिर इस मामले को लेकर कोर्ट पहुंचेंगे।

गद्दारों का जश्न मनाना समझ से परे

ठाकरे ने कहा कि मेरे नेतृत्व वाली शिवसेना ही असली है। बालासाहेब ठाकरे ने शिवसेना का गठन मराठी मानुष और हिंदुत्व के लिए किया था मगर आज शिवसेना गद्दारों के माध्यम से बीजेपी की शरण में पहुंच गई है। सुप्रीम कोर्ट के गुरुवार के फैसले के बाद इन गद्दारों का असली चेहरा देश के सामने उजागर हो गया है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि फैसले के बाद कल भाजपा के साथ ही इन गद्दारों ने भी जश्न मनाया। भाजपा का तो जश्न मनाना समझ में आता है मगर इन गद्दारों का जश्न मनाना समझ से परे है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से ही उद्धव ठाकरे लगातार शिंदे सरकार पर हमलावर बने हुए हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट का फैसला शिंदे सरकार को राहत पहुंचाने वाला है क्योंकि सरकार पर खतरा पूरी तरह टल गया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में कहा है कि अब महाराष्ट्र में पूर्व की स्थिति बहाल नहीं की जा सकती क्योंकि तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट का सामना किए बिना अपने पद से इस्तीफा दे दिया। अगर उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया होता तो आज परिस्थितियां कुछ अलग हो सकती थीं।

शिंदे से इस्तीफा मांगने की जरूरत नहीं

इस बीच महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने उद्धव ठाकरे से अलग रुख अपनाते हुए बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिंदे और डिप्टी सीएम फडणवीस से इस्तीफा मांगने की जरूरत नहीं है। हमें यह बात सपने में भी नहीं सोचनी चाहिए कि दोनों नेता अपने पदों से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने कहा कि हमें यह बात समझनी होगी कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और आज के लोगों में जमीन-आसमान का अंतर है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भी पवार ने बयान दिया था कि शिंदे सरकार को आने वाले दिनों में कोई खतरा नहीं होगा।

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