Maharashtra : सीएम एकनाथ शिंदे ने बदला पुणे एयरपोर्ट का नाम, जानिए किसने दिया था सुझाव?

Maharashtra News : महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एकनाथ शिदे सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, पुणे एयरपोर्ट का नाम बदल दिया गया है, अब नया नाम जगद्गुरु संत तुकाराम महाराज आंतरराष्ट्रीय विमानतल, पुणे रखा गया है।

Newstrack :  Network
Update:2024-09-23 17:12 IST

Maharashtra News : महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एकनाथ शिंदे सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सीएम एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में पुणे एयरपोर्ट का नाम बदल  दिया गया है, अब जगद्गुरु संत तुकाराम महाराज आंतरराष्ट्रीय विमानतल, पुणे करने का निर्णय लिया गया है। पुणे एयरपोर्ट को लोहगाव एयरपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है। बता दें कि पुणे के नए और मौजूदा एयरपोर्ट का नाम बदलने का सुझाव मुरलीधर मोहोल ने दिया था, वह यहां से सांसद हैं। उन्होंने कहा था कि मौजूदा एयरपोर्ट का नाम संत तुकाराम और नए एयरपोर्ट का नाम छत्रपति संभाजी महाराज रखा जाए।

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने एक दिन पहले ही एक कार्यक्रम में कहा था कि लोहगाव एयरपोर्ट का नाम बदला जाएगा, इसके लिए अगली कैबिनेट में प्रस्ताव रखा जाएगा। राज्य कैबिनेट से प्रस्ताव पास होने के बाद मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेजेंगे। वहीं, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के इस प्रस्ताव की प्रशंसा करते हुए कहा था कि इससे जुड़ना मेरे लिए सम्मान की बात है, मैं नाम बदलने के लिए प्रधानमंत्री मोदी से मंजूरी लेने का प्रयास करूंगा।

जानिए कौन हैं, संत तुकाराम

बता दें कि संत तुकाराम एक संत और कवि थे। वह वारकरी समुदाय से थे (भगवान विट्ठल के भक्त को वारकरी कहते हैं)। देश में अकाल के कारण सन् 1630 में उनकी पहली पत्नी और बेटे का निधन हो गया था। इसके बाद उन्होंने दूसरी शादी की थी। इसके बाद उनका रुझान भक्ति गीत और कीर्तनों की ओर बढ़ा। उन्होंने अपने भक्ति गीतों और कीर्तनों के माध्यम से सामाजिक बुराइयों और सामाजिक व्यवस्था की कमियों को चोट करते थे। उन्होंने भक्ति गीतों के माध्यम से लोगों जागरूक करने का काम किया था। संत तुकाराम ने महाराष्ट्र में भक्ति आंदोलन की नींव रखी थी। उनका मानना था कि पाखंड के खंडन के लिए धर्म का पालन करना जरूरी है। उन्होंने चार हजार से ज्यादा रचनाएं लिखी हैं। 

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