Maharashtra Politics: शिवसेना से जारी है नेताओं का पलायन, पूर्व मंत्री रामदास कदम भी छोड़ेंगे उद्धव का साथ
Maharashtra Politics: रामदास कदम महाराष्ट्र की राजनीति में एक दिग्गज शिवसेना नेता के तौर पर जाने जाते रहे हैं। वह नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं।
Maharashtra Politics: अपने कार्यकाल के मध्य में सरकार गंवाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है। एक-एक कर दिग्गज शिवसैनिकों का पार्टी से पलायन जारी है। इसी कड़ी में एक और दिग्गज नेता शिवसेना को अलविदा कहने वाले हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, पूर्व नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मंत्री रामदास कदम (Ramdas Kadam) शीघ्र उद्धव कैंप का साथ छोड़ने वाले हैं। बताया जा रहा है कि वह किसी भी समय अपना इस्तीफा मातोश्री भेज सकते हैं। इससे पहले उनके विधायक पुत्र योगेश गुवाहटी जाकर शिंदे कैंप में शामिल हो गए थे।
रामदास कदम महाराष्ट्र की राजनीति में एक दिग्गज शिवसेना नेता के तौर पर जाने जाते रहे हैं। वह नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं। पूर्व की देवेंद्र फड़नवीस सरकार में वह शिवसेना कोटे से पर्यावरण मंत्री भी रह चुके हैं। कदम के बेटे योगेश दपोली से शिवसेना के विधायक हैं, जो बगावत के बाद गुवाहटी जाकर एकनाथ शिंदे के खेमे में शामिल हो गए थे।
पूर्व में अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके थे कदम
शिवसेना के वरिष्ठ नेता रामदास कदम पहले भी अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर कर चुके हैं। 2014 से 2019 तक मंत्री रहे कदम को महाविकास अघाड़ी सरकार में मंत्री नहीं बनाया गया था। उनका शिवसेना के एक अन्य नेता अनिल परब से छत्तीस का आंकड़ा था। परब उद्धव सरकार में परिवहन मंत्री थे और ठाकरे परिवार के काफी करीबी माने जाते थे।
रामदास कदम ने बीते साल अनिल परब पर एनसीपी के साथ मिलकर शिवसेना और उन्हें राजनीतिक रूप से खत्म करने की साजिश रचने का गंभीर आरोप लगाया था। मगर तब उन्होंने कहा था कि वह कभी शिवसेना नहीं छोड़ेंगे और हमेशा शिवसैनिक बने रहेंगे। साल 2019 में महाविकास अघाड़ी सरकार बनने के बाद रामदास कदम शिवसेना के पहले सीनियर लीडर थे, जिनके बयान के बाद पार्टी में मतभेद खुलकर सामने आए थे।
बता दें कि उद्धव ठाकरे सरकार गंवाने के बाद अब पार्टी बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे वाला गुट लगातार हावी होता नजर आ रहा है। उनके पास 50 विधायकों का समर्थन है, जिसमें 40 शिवसेना और 10 निर्दलीय हैं। इसके अलावा मीडिया रिपोर्ट्स में 10 से अधिक सांसदों के समर्थन की बात भी कही जा रही है। ऐसे में रामदास कदम जैसे दिग्गज का जाना निश्चित तौर पर उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है।