नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को 2008 में हुए मालेगांव बम विस्फोट के आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित की याचिका पर महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा है। याचिका में, पुरोहित ने सक्षम प्राधिकारी से वैध स्वीकृति की अनुपस्थिति में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की अदालत द्वारा अनधिकृत गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई करने को चुनौती दी थी।
न्यायमूर्ति आर.के. अग्रवाल और न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे की पीठ ने महाराष्ट्र सरकार से प्रतिक्रिया की मांग करते हुए मामले में निचली अदालत की कार्यवाही में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया।
इससे पहले बम्बई उच्च न्यायालय ने पुरोहित की याचिका को खारिज कर दिया था।
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निचली अदालत ने 27 दिसंबर को अपने आदेश में पुरोहित के ऊपर से मकोका कानून के तहत लगे आरोप हटाकर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के कुछ प्रावधानों के तहत दंडनीय अपराध करार दिया था और उनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम की धाराओं के तहत कार्यवाही करने का फैसला किया था।
पुरोहित ने दावे के साथ कहा था कि उनके खिलाफ कार्रवाई सक्षम प्राधिकारी से वैध स्वीकृति की अनुपस्थिति में की जा रही है और यह अदालत की गलती और खराब कानून-व्यवस्था है।