ममता सरकार ने अपने बजट में राज्य के बेरोजगार युवाओं को पैसा देने का किया एलान
कोलकाता। लोकसभा चुनावों के लिए सभी दलों ने कमर कस ली है और जनता को अपनी ओर खींचने के लिए जबर्दस्त होड़ मच गई है। मामला लोकलुभावन घोषणाओं की कड़ी प्रतिस्पर्धा का है। केंद्र सरकार के अंतरिम बजट में किसानों को वित्तीय मदद देने की घोषणा की तो अब पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने अपने बजट में राज्य के बेरोजगार युवाओं को पैसा देने का एलान किया है।
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पश्चिम बंगाल के बजट में घोषणा की गई है कि राज्य के ५० हजार बेरोजगार युवकों को एक लाख रुपए की वित्तीय मदद दी जाएगी। वित्त मंत्री अमित मित्रा ने कहा है कि इस योजना के लिए ५०० करोड़ रुपए रखे गए हैं। योजना की बारीकियां बात में घोषित की जाएंगी। इसके अलावा राज्य की २ लाख से ज्यादा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और ५० हजार आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय ५०० रुपए महीना बढ़ा दिया जाएगा। ग्रुप सी और डी के संविदा स्टाफ का मानदेय २ हजार रुपए महीना बढ़ाया जाएगा। इन सभी के लिए करीब ५०० करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
राज्य विधानसभा में बजट भाषण में वित्त मंत्री अमित मित्रा ने कहा कि राज्य की विकास योजनाओं के लिए आवंटित धन में १३.२५ फीसदी बढ़ोतरी की गई है। अब २०१९-२० में ८९,३०० करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। इसमें से ज्यादातर पैसा पंचायत और ग्राम्य विकास पर खर्च किया जाएगा।
ममता सरकार ने इससे पहले इस वर्ष कृषक बंधु स्कीम लांच की थी जिसमें किसानों को पैसा देने का प्रावधान है। इस बजट में इस स्कीम के लिए ७ हजार करोड़ रुपए देने का वादा किया गया है। वैसे जहां तक राज्य की माली हालत की बात है, बंगाल का सार्वजनिक कर्ज ४,३१,९२८ करोड़ रुपए हो गया है। लेफ्ट फ्रंट सरकार द्वारा जितना कर्ज छोड़ा गया था वह अब दोगुने से ज्यादा हो गया है।