मणिपुर सरकार का आदेश, विधानसभा चुनाव से पहले हुई नियुक्तियों की होगी जांच
मणिपुर सरकार ने पांच विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है, जो इस साल मार्च में हुए विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सरकार के 15 विभागों में की गई विवादित नियुक्तियों की जांच करेगा।
इंफाल: मणिपुर सरकार ने पांच विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है, जो इस साल मार्च में हुए विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सरकार के 15 विभागों में की गई विवादित नियुक्तियों की जांच करेगा। विधानसभा अध्यक्ष वाई.खेमचंद ने शुक्रवार को घोषणा की कि राज्य सचिवालय में 200 से अधिक नियुक्तियों की जांच के लिए दो एसआईटी का गठन किया गया है।
उन्होंने कहा, "इंफाल ईस्ट के जिलाधिकारी से तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष (थोकचोम लोकेश्वर) की पत्नी को उनके द्वारा जारी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्र की पुष्टि करने के लिए कहा गया है। उनके पिता भी एक पूर्व निर्वाचित सदस्य थे, इसलिए यह सवाल उठता है कि वह ओबीसी के दर्जे की हकदार हैं या नहीं।"
सीएम एन.बीरेन सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली सरकार बदले की भावना से काम नहीं कर रही है। उन्होंने कहा, "लेकिन निर्वाचन आयोग ने विवादित नियुक्तियों पर सवाल उठाए हैं। एसआईटी जांच करेगी कि नियुक्तियों में धांधली की गई है या नहीं।"
नियुक्ति प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, मणिपुर में पैसे के बल पर नौकरी लेने की बात शायद ही किसी से छिपी हो।
मणिपुर बीजेपी प्रमुख के.भबानंद ने पहले ही कहा था कि राज्य में उनकी सरकार बनने के बाद वह सभी नियुक्तियों की जांच करेगी। उन्होंने चुनाव से पहले कहा था, "हम उच्च अधिकारियों से अनुरोध करते हैं कि वे प्रासंगिक दस्तावेजों को सुरक्षित रखें, क्योंकि उनकी जांच होगी।"
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ नियुक्तियां चुनाव की घोषणा होने के बाद हुईं, जब आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी थी। निर्वाचन आयोग ने कुछ विभागों को निर्देश दिया था कि वे नियुक्तियां न करें। भाजपानीत सरकारों ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली पिछली सरकारों के समय में हुए विभिन्न घोटालों की जांच शुरू की है।
--आईएएनएस