Manipur Violence: हिंसा की आग में जल रहा मणिपुर, 8 जिलों में कर्फ्यू, 5 दिन के लिए नेट बंद, गृह मंत्रालय ने भेजा RAF

Manipur Violence: राज्य के आदिवासी बहुल जिलों में भड़की हिंसा को काबू करने के लिए सेना और असम रायफल्स के जवानों की तैनाती कर दी गई है।

Update:2023-05-04 16:32 IST
Manipur Violence (photo: social media )

Manipur Violence: उत्तर पूर्वी राज्य मणिपुर में मैतेई समुदाय को अनूसुचित जनजाति (एसटी) में शामिल करने की मांग को लेकर आदिवासी समुदाय आंदोलित हो उठा है। बुधवार रात आदिवासी छात्र संगठन द्वारा इस मांग के खिलाफ मार्च निकाला गया, जिसमें हजारों की संख्या में एसटी समुदाय के लोग शामिल हुए। इस दौरान राजधानी इंफाल, चुराचांदपुर और कांगपोकपी में हिंसा भड़क गई। आदिवासी और गैर – आदिवासी समुदाय के बीच टकराव के कारण स्थिति विस्फोटक हो गई। जिसके बाद 8 जिलों में कर्फ्यू लगाया गया और 5 दिनों के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया।

मणिपुर में हिंसा धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। अब गृह मंत्रालय ने मोर्चा संभाला है। हिंसा नियंत्रण के लिए दिल्ली से मणिपुर पांच रैपिड एक्शन फोर्स की कंपनियां भेजी गई है। धारा 144, लगाने के साथ ही पांच दिनों तक इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है। अब तक आठ जिलों में कर्फ्यू चल रहा है।

राज्य के आदिवासी बहुल जिलों में भड़की हिंसा को काबू करने के लिए सेना और असम रायफल्स के जवानों की तैनाती कर दी गई है। सेना ने बुधवार देर रात पुलिस के साथ मिलकर स्थिति को नियंत्रित किया और सुबह तक हिंसा पर काबू पा लिया। अलग-अलग जिलों में करीब 4000 ग्रामीणों को सेना, सशस्त्र बलों और राज्य सरकार के परिसरों में आश्रय दिया गया है। गुरूवार को सेना ने राज्य के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में फ्लैग मार्च किया ।

क्यों हो रही है हिंसा ?

मणिपुर में मैतेई समुदाय खुद को एसटी वर्ग में शामिल करने की मांग लंबे समय से करता रहा है। जिसके खिलाफ आदिवासी वर्ग मुखर रहा है। बीती 19 अप्रैल को मणिपुर हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि सरकार को मैतेई समुदाय को जनजातीय वर्ग में शामिल करने पर विचार करना चाहिए। उच्च न्यायालय ने चार हफ्ते में सरकार को इस पर अपना जवाब दाखिल करने को आदेश दिया। इस फैसले के खिलाफ आदिवासी वर्ग सड़क पर उतर गया और कई जिलों से हिंसा की खबरें आने लगीं।

दरअसल, आदिवासी वर्ग हाईकोर्ट के इस फैसले का विरोध इसलिए कर रहा है क्योंकि उसे डर है कि अगर मैतेई समुदाय को जनजातीय वर्ग में शामिल कर लिया जाता है तो वे उनके जमीन और संसाधनों पर कब्जा कर लेंगे। मैतेई को मणिपुर की ताकवतर और पभावशाली समुदाय के तौर पर जाना जाता है, जिसकी आबादी राज्य में 60 प्रतिशत के करीब है।

मैरीकॉम ने पीएम मोदी – अमित शाह से लगाई गुहार

हिंसा की आग में धधक रहे अपने राज्य को बचाने के लिए देश की दिग्गज महिला बॉक्सर एमसी मैरीकॉम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, मेरा राज्य मणिपुर जल रहा है, कृपया मदद कीजिए। मैरीकॉम ने ट्वीट के साथ आगजनी की फोटो भी शेयर की है।

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