Manipur Violence: मणिपुर में 35 लाशों पर क्यों शुरू हुआ खूनी खेल, सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी से गरमाया माहौल

Manipur Violence Update: मणिपुर (Manipur Hinsa) में हुई जातीय हिंसा में मारे गए 35 लोगों के शवों को चुराचांदपुर जिले में दफनाते समय हिंसा भड़क गई। चुराचांदपुर और विष्णुपुर के बॉर्डर पर बीते दिन गुरुवार को सूरक्षाबलों और लोगों के बीच में झड़प हो गई।

Update:2023-08-04 09:55 IST
Manipur Nuh Violence Update ( File Photo, Social Media)

Manipur Violence Update: मणिपुर में हुई जातीय हिंसा में मारे गए 35 लोगों के शवों को चुराचांदपुर जिले में दफनाते समय हिंसा भड़क गई। चुराचांदपुर और विष्णुपुर के बॉर्डर पर बीते दिन गुरुवार को सूरक्षाबलों और लोगों के बीच में झड़प हो गई। इस दौरान सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी भी की गई, इसके बाद सुरक्षाबलों ने फायरिंग करते हुए आंसू गैस के गोले भी दागे।

जानकारी के मुताबिक मणिपुर के संगठन इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) ने कुकी समुदाय के 35 शवों को एक साथ दफनाने की बात कही थी। इस संगठन ने कहा था कि उनके द्वारा चुराचांदपुर जिले के एस. बोलजांग गांव के एक मैदान में शव दफनाए जाएंगे। लेकिन, पुलिस ने इस बात की इजाजत नहीं दी थी। गुरुवार सुबह से ही शवों को दफनाने का सिलसिला शुरू हो गया, लेकिन इसके बाद मौके के हालात बिगड़ने शुरू हो गए। सुरक्षाबलों ने लोगों ने इस इलाके की ओर लोगों को रोकने का प्रयास किया। जिसके बाद भारी भीड़ ने विरोध करते हुए पत्थरबाजी शुरू कर दी। बाद में सुरक्षाबलों ने हवाई फायरिंग करते हुए आंसू गैस के गोले भी दागे। इस नई हिंसा से एक बार फिर राज्य में माहौल गर्मा गया है।

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गृहमंत्रालय ने दिया आश्वासन

राज्य में 35 शवों को एक साथ दफनाने के बाद राज्य में जब माहौल गर्म हो गया तो इस मामले में मणिपुर हाईकोर्ट ने दखल दी। हाईकोर्ट प्रशासन को मौके पर सुरक्षा व्यवस्था चुस्त दुरुस्त करने के निर्देश दिए। हाईकोर्ट ने ही नहीं बल्कि केंद्रीय गृहमंत्रालय ने भी हालात को काबू करने की कोशिश की। गृहमंत्रालय की अपील के बाद संगठन ने अंतिम संस्कार कार्यक्रम को सात दिन के आगे बढ़ा दिया। गृहमंत्रालय ने आश्वसन दिया कि 35 शवों को दफनाने की मांग पर जल्द फैसला लिया जाएगा।

हिंसा की आग में जल रहा मणिपुर

बता दें कि मणिपुर राज्य को हिंसा की आग में जलते हुए करीब तीन महीने हो गए हैं। मैतेई और कुकी समदाय के बीच जारी जातीय संघर्ष हिंसा का रूप ले चुकी है। राज्य में पहली बार हिंसा तीन मार्च को निकाले गए एक मार्च को बाद शुरू हुई थी। अब तक इस हिंसा में 160 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। मणिपुर हिंसा और दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाने और दरिंदगी के मामले में सड़क से लेकर संसद तक संग्राम जारी है।

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