INDIA Delegation in Manipur: 'इनके चेहरे देखकर पता चलता है कि ये...', राहत शिविर का जायजा लेने के बाद बोले अधीर रंजन
INDIA Delegation Manipur Visit: हिंसा प्रभावित मणिपुर में 21 विपक्षी सांसदों का डेलिगेशन राहत शिविरों का दौरा कर रहा है। चुराचांदपुर शिविर में लोगों से मिलने के बाद नेताओं ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी।
INDIA Delegation Manipur Visit: मणिपुर करीब 3 महीने से हिंसा की आग में झुलस रहा है। मणिपुर के ताजा हालात का जायजा लेने के लिए विपक्षी गठबंधन 'INDIA' का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार (29 जुलाई) को पहुंचा। विपक्षी नेताओं के डेलिगेशन में 21 सांसद हैं। विभिन्न दलों के सांसदों ने मणिपुर के राहत शिविरों में हिंसा प्रभावित लोगों से बातचीत की। उनकी तकलीफें, मुश्किलें और डर को जानने का प्रयास किया। सभी नेताओं ने चुराचांदपुर के राहत शिविर (Churachandpur Relief Camp) में पीड़ितों से मुलाकात की। उनका हालचाल जाना। बता दें, यहां हाल ही में हिंसा हुई थी। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने किया राहत शिविर का दौरा
चुराचांदपुर राहत शिविर का दौरा करने के दौरान कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी (Congress MP Adhir Ranjan Chowdhury) ने मीडिया को बताया, 'इन लोगों का चेहरा देखकर पता चलता है कि ये डरे हुए हैं। इन लोगों को सरकार पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं है। राज्य में बेहद भयानक स्थिति पैदा हो चुकी है।'
मणिपुर के लोग बेहद डरे हुए हैं।
इनका सरकार पर से विश्वास पूरी तरह से उठ चुका है। इन्हें पता है सरकार हमारी कोई मदद नहीं करेगी।
: मणिपुर में INDIA डेलिगेशन के सदस्य @adhirrcinc जी pic.twitter.com/Uv4NV4ESVO— Congress (@INCIndia) July 29, 2023
'हम चाहते हैं कि लोगों की मांगें सुनी जाएं'
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई (Congress MP Gaurav Gogoi) ने कहा, 'हम चाहते हैं कि लोगों की मांगें सुनी जाएं। उन्होंने कहा, हम मणिपुर के लोगों की मांग का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं। हम राज्य के लोगों और उनकी चिंताओं का प्रतिनिधित्व करने यहां आए हैं।'
TMC सांसद- गृह मंत्री के पास कोई आईबी रिपोर्ट नहीं थी
मणिपुर के चुराचांदपुर राहत शिविर के दौरे के दौरान टीएमसी सांसद सुष्मिता देव (TMC MP Sushmita Dev) ने कहा, 'लोग पीड़ित हैं। ये सोच रहे हैं आखिर हम घर कब जाएंगे? केंद्र सरकार को एक प्रतिनिधिमंडल भेजना चाहिए था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। इसलिए विपक्षी दलों के गठबंधन का एक डेलिगेशन यहां आया है। सुष्मिता देव कहती हैं, केंद्रीय गृह मंत्री को 3 मई से पता नहीं था कि यहां क्या हो रहा है। आज 90 दिन बाद मामले की जांच सीबीआई को दे रहे हैं। इसका मतलब है कि या तो गृह मंत्री के पास कोई आईबी रिपोर्ट (IB Report on Manipur) नहीं थी। वो टीवी पर तो बोल रहे हैं कि रिव्यू कर रहे हैं।'
मनोज झा- कोई रणनीति बनाकर नहीं आए हैं
राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा (RJD MP Manoj Jha) ने कहा, 'हम लोग कोई रणनीति बनाकर नहीं आए हैं। दो अलग-अलग समूह में हैं। दोनों ग्रुप को ये जिम्मेदारी दी गई है कि हिंसा प्रभावित लोगों को सुनें। इनकी आवाज़ किसी ने सुनी नहीं है। चाहे सरकार हो या कोई और। हमारी तरफ से सिर्फ कोशिश है। क्योंकि, सुनना हीलिंग का हिस्सा है। ताकि, हम सुन पाएं और यह मैसेज दे पाएं दिल्ली में कि अगर हम कहते हैं INDIA, भारत, हिंदुस्तान तो मणिपुर हमारा हिस्सा है न। उन्होंने कहा, मणिपुर अगर सामूहिक चिंता में है तो हमारी चिंता भी होनी चाहिए।' उन्होंने आगे कहा, अलग-अलग राहत शिविर में हर एक समुदाय से बात करेंगे। मेइती हों या कुकी। सभी की बात करेंगे।'
पूर्व सीएम ने ये कहा
मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह (Okram Ibobi Singh) ने मीडिया से कहा, 'करीब 26 पॉलिटिकल पार्टीज के सांसदों का प्रतिनिधित्व करने वाली इस टीम का स्वागत है। हमें बेहद खुशी है कि वो राहत शिविरों का दौरा कर रहे हैं। प्रभावित लोगों से मिलना चाहते हैं। करीब 3 महीने से ये लोग अपने घरों से बाहर हैं। इनसे जरूर मिलना चाहिए। उन्हें सरकार को स्थिति के बारे में सूचित करना चाहिए। ताकि, जल्द से जल्द मणिपुर में हालात सामान्य हो सके।'