Manipur Viral Video: मणिपुर में महिलाओं के यौन उत्पीड़न का अकेला केस नहीं, CJI बोले - तीन मई के बाद कितनी FIR दर्ज की

Manipur Violence: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र करके परेड कराने और उनके साथ दरिंदगी के मामले में आज सोमवार (31 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।

Update:2023-07-31 08:12 IST
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई ( सोशल मीडिया)

Manipur Violence: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र करके परेड कराने और उनके साथ दरिंदगी के मामले में आज सोमवार (31 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस बीच पीड़ित महिलाओं ने भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और न्याय कि गुहार लगाई है। सीजेआई की अध्यक्षता वाली बेंच पूरे मामले की सुनवाई कर रही है।

मणिपुर में 3 महिलाएं ही शिकार नहीं हुई? बोले- सीजेआई

सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि मणिपुर में 3 ही महिलाएं शिकार नहीं हुई हैं, जो 3 मई की घटना थी। 3 मई के बाद कितनी एफआईआर हुई हैं। सीजेआई ने कहा कि यह सुनिश्चित होना चाहिए कि हर एक मामले में एफआईआर दर्ज हो। ऐसा ना हो कि नया वीडियो सामने आए और फिर कदम उठाया जाए।

महिलाओं की तरफ से पेश हुए कपिल सिब्बल

मणिपुर की दो पीड़ित महिलाओं की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा महिलाएं मामले की सीबीआई जांच और मामले को असम ट्रांसफर करने के खिलाफ हैं। साथ ही उन्होने कहा कि पीड़ित महिलाओं में से एक के पिता और भाई की हत्या कर दी गई थी। उनके अभी तक शव नहीं मिले हैं। सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमने कभी भी मुकदमे को असम स्थानांतरित करने का अनुरोध नहीं किया है। तुषार मेहता ने कहा कि हमने यह कहा है कि इस मामले को मणिपुर से बाहर स्थानांतरित किया जाए। हमने कभी असम नहीं कहा।

बता दें कि बीते दिन 28 जुलाई को इस मामले में सुनवाई होने वाली थी, लेकिन शीर्ष अदालत ने एक बयान में कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ कोर्ट में उपस्थित नहीं रहेंगें। इसलिए सुनवाई 31 जुलाई तक के लिए टाल दी गई थी। केंद्र सरकार ने 27 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था जिसमें केंद्र ने बताया था कि महिलाओं के साथ हुई बदसलूकी के मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया है।

ट्रायल भी फास्ट ट्रैक में चलाने की मांग

मणिपुर में हिंसा थमने के बजाय लगातार बढ़ती जा रही है, महीने गुजरते जा रहे हैं, लेकिन राज्य के हालात जस के तस बने हुए हैं। वहीं, मणिपुर मुददे पर सुप्रीम कोर्ट भी एक्शन में। केंद्र सरकार ने केस की सुनवाई मणिपुर से बाहर करने की मांग की है। इस केस में ट्रायल भी फास्ट ट्रैक में चलाने की मांग की गई है जिससे चार्जशीट दाखिल होने के 6 महीने के अंदर कार्रवाई हो सके। इसके अलावा विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A के 21 सांसद भी हिंसाग्रस्त मणिपुर का दो दिवसीय दौरा कर चुके हैं। विपक्षी सांसदो ने कल यानी कि रविवार को मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके को ज्ञापन भी सौंपा था।

19 जुलाई को वायरल हुआ था शर्मनाक वीडियो

बता दें कि 19 जुलाई की रात में दो कुकी समुदाय की को आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने और दरिंदगी करने का वीडियो सामने आया था। ये वीडियो मणिपुर में 3 मई को फैली हिंसा के अगले दिन यानी चार मई का बताया जा रहा है। उसके बाद से सड़क से लेकर संसद तक संग्राम छिड़ा हुआ है।

सुप्रीम कोर्ट ने लिया है स्वत: संज्ञान

20 जुलाई को वायरल वीडियो का स्वत: संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि वो इस घटना से बेहद परेशान हैं। उन्होने कहा कि हिंसा को अंजाम देने के लिए महिलाओं का इस्तेमाल संवैधानिक लोकतंत्र में पूरी तरह से अस्वीकार्य है। इसके अलावा उन्होने सरकार को तत्काल सख्त एक्शन लेने का निर्देश दिया था साथ ही कहा था कि यदि इस मामले में सरकार कार्रवाई नहीं करती है तो वह स्वयं इस पर कार्रवाई करेंगे।

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