मन की बातः PM मोदी बोले- कोरोना से लड़ाई का मंत्र रखें याद, दवाई भी-कड़ाई भी
कोरोना संकट को लेकर पीएम मोदी ने पिछले साल के उठाए गए कदमों की भी बात की। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले वर्ष ये मार्च का ही महीना था, देश ने पहली बार जनता जनता कर्फ्यू शब्द सुना था।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 75वें संस्करण में देशवासियों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने मन की बात के 75वें संस्करण पर लोगों ने बधाई दी।
कोरोना संकट को लेकर पीएम मोदी ने पिछले साल के उठाए गए कदमों की भी बात की। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले वर्ष ये मार्च का ही महीना था, देश ने पहली बार जनता जनता कर्फ्यू शब्द सुना था। लेकिन इस महान देश की महान प्रजा की महाशक्ति का अनुभव देखिये, जनता जनता कर्फ्यू पूरे विश्व के लिए एक अचरज बन गया था। अनुशासन का ये अभूतपूर्व उदाहरण था, आने वाली पीढ़ियां इस एक बात को लेकर के जरुर गर्व करेगी।
‘दवाई भी - कड़ाई भी’
पीएम मोदी ने कहा कि उसी प्रकार से हमारे कोरोना वॉरियर्स के प्रति सम्मान, आदर, थाली बजाना, ताली बजाना, दिया जलाना। आपको अंदाजा नहीं है कोरोना वॉरियर्स के दिल को कितना छू गया था वो, और, वो ही तो कारण है, जो पूरी साल भर, वे, बिना थके, बिना रुके, डटे रहे। उन्होंने कहा कि इन सबके बीच, कोरोना से लड़ाई का मंत्र भी जरुर याद रखिए -‘दवाई भी - कड़ाई भी’।
पीएम मोदी ने कहा कि किसी स्वाधीनता सेनानी की संघर्ष गाथा हो, किसी स्थान का इतिहास हो, देश की कोई सांस्कृतिक कहानी हो, ‘अमृत महोत्सव’ के दौरान आप उसे देश के सामने ला सकते हैं, देशवासियों को उससे जोड़ने का माध्यम बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि आप देखिएगा, देखते ही देखते ‘अमृत महोत्सव’ ऐसे कितने ही प्रेरणादायी अमृत बिंदुओं से भर जाएगा, और फिर ऐसी अमृत धारा बहेगी जो हमें भारत की आज़ादी के सौ वर्ष तक प्रेरणा देगी। देश को नई ऊँचाई पर ले जाएगी, कुछ-न-कुछ करने का जज्बा पैदा करेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज़ादी के लड़ाई में हमारे सेनानियों ने कितने ही कष्ट इसलिए सहे, क्योंकि, वो देश के लिए त्याग और बलिदान को अपना कर्तव्य समझते थे। उनके त्याग और बलिदान की अमर गाथाएँ अब हमें सतत कर्तव्य पथ के लिए प्रेरित करे।
महिला क्रिकेटर को दी बधाई
मिताली जी, हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में दस हजार रन बनाने वाली पहली भारतीय महिला क्रिकेटर बनी हैं। उनकी इस उपलब्धि पर बहुत-बहुत बधाई। ये दिलचस्प है, इसी मार्च महीने में, जब हम महिला दिवस celebrate कर रहे थे, तब कई महिला खिलाड़ियों ने Medals और Records अपने नाम किये हैं। आज, Education से लेकर Entrepreneurship तक, Armed Forces से लेकर Science & Technology तक, हर जगह देश की बेटियाँ, अपनी, अलग पहचान बना रही हैं