गोलियां बरसाने को तैयार हेलीकॉप्टर! इमरान के बचाव में सेना
कहा जा रहा है कि अगर प्रदर्शनकारी आगे बढ़ते हैं तो आसमान से गोलियां बरसाने का भी आदेश सरकार की तरफ से दे दिया गया है। इसके लिए सुरक्षाबलों ने तमाम बंदोबस्त कर लिए हैं।
नई दिल्ली: सरकार विरोधी 'आजादी मार्च' की अगुवाई कर रहे जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने पाक सरकार को दिए गए इस्तीफे की मांग को लेकर 48 घंटे का अल्टीमेटम आज खत्म हो गया है। हालांकि सरकार ने इन मांगों को खारिज कर दिया है।
वहीं खबर है कि इमरान खान प्रदर्शकारियों से इस कदर डरे हुए हैं कि उन्होंने गृह मंत्रालय को प्रदर्शकारियों से किसी भी तरह निपटने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने सभी प्रदर्शनकारी को चेतावनी देते हुए कहा कि आप कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाएंगे जिससे देश की सुरक्षा को खतरा पैदा हो। प्रदर्शनकारी संवेदनशील रेड जोन की दिशा में आगे न बढ़े इसलिए सरकार ने सभी रास्ते बंद कर दिए हैं।
कहा ये भी जा रहा है कि अगर प्रदर्शनकारी आगे बढ़ते हैं तो आसमान से गोलियां बरसाने का भी आदेश सरकार की तरफ से दे दिया गया है। इसके लिए सुरक्षाबलों ने तमाम बंदोबस्त कर लिए हैं। उधर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने इमरान खान को तानाशाह बताते हुए कहा है कि उन्हें पीएम की कुर्सी छोड़ देनी चाहिए।
आजादी मार्च को लेकर सरकार बिल्कुल भी चिंतित नहीं
रक्षा मंत्री ने कहा कि आजादी मार्च को लेकर सरकार बिल्कुल भी चिंतित नहीं है, लेकिन विपक्षी नेताओं द्वारा 'राष्ट्रीय संस्थानों को अपमानित' करने वाले भाषण दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
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मेजर जनरल आसिफ गफूर ने चेतावनी दी
मार्च का नेतृत्व कर रहे मौलाना फजलुर रहमान ने इमरान खान को 2 दिन के अंदर प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने की धमकी दी थी।
मेजर जनरल ने चेतावनी देते हुए कहा कि मौलाना फजलुर रहमान एक वरिष्ठ राजनीतिज्ञ हैं। उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि वह किस संस्था की बात कर रहे हैं। पाकिस्तान के सशस्त्र बल हमेशा लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकारों का समर्थन करते हैं।
पाकिस्तान में आजादी मार्च की शुरुआत कराची के सोहराब गोथ से 27 अक्तूबर को हुई थी। शुक्रवार को यह अपने आखिरी गंतव्य स्थान इस्लामाबाद पहुंचा।
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बीती शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद मार्च निकालने पर मौलाना फजलुर रहमान ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं इमरान खान की सरकार को चेतावनी देता हूं कि वह दो दिनों के भीतर पद प्रधानमंत्री पद से अपना इस्तीफा दें।
मौलाना फजलुर रहमान ने इमरान खान की तुलना सोवियत संघ के नेता 'मिखाइल गोर्बाचेव' से की। मौलाना ने कहा कि 'पाकिस्तान के गोर्बाचेव' को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले लोगों के संयम की परीक्षा लिए बगैर ही पद से इस्तीफा देना चाहिए, वरना इसके नतीजे भयावह होंगे।
पाकिस्तान में इस रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान को चलाने का अधिकार यहां की जनता को है ना कि किसी सरकारी संस्थान को। साथ ही उन्होंने अपने आवास पर सरकार के खिलाफ आगे की कार्रवाई के लिए बहुदलीय सम्मेलन का आयोजन किया।
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