नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने मंगलवार को जारी एक बयान में सत्ताधारी समाजवादी पार्टी (सपा) पर जमकर निशाना साधा। बसपा सुप्रीमो ने कहा, 'अब इस चुनावी बेला में सपा सस्ती लोकप्रियता के लिए बिना तैयारी के विभिन्न योजनाओं की घोषणा और शिलान्यास कर रही है।' उन्होंने इसे जनता की आंखों में धूल झोंकने वाला बताया।
मायावती ने अपने निशाने पर पीएम नरेंद्र मोदी को भी रखा। उन्होंने कहा, 'शिलान्यासों के माध्यम से अपने नाम का शिलापट लगाने की होड़ में अब मोदी सरकार के मंत्री भी पीछे नहीं हैं।'
कानपुर मेट्रो के लिए नहीं की पूरी तैयारी
मायावती ने कहा, इसी प्रकार की आपा-धापी और जल्दबाजी के साथ आधी-अधूरी तैयारियों के बीच आज कानपुर मेट्रो का शिलान्यास किया गया। उन्होंने कहा, विकास और खासकर मेट्रो निर्माण मामले में सपा सरकार अपना मखौल खुद उड़ा रही है। बीते साढ़े चार वर्षों के उसके कार्यकाल में ज्यादातर योजनाओं का केवल शिलान्यास ही हुआ है। जनहित में उनका उद्घाटन नहीं हो पाया। यही कारण है कि कानपुर मेट्रो के शिलान्यास के समय स्थानीय जनता में उत्साह नहीं दिख रहा था।
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'यूपी में मेट्रो की शुरुआत हमने की'
पूर्व सीएम मायावती ने आगे कहा, यही हाल लखनऊ मेट्रो का भी है। इसकी बुनियादी तैयारी बसपा के शासनकाल में ही कर दी गई थी। लेकिन शिलान्यास के मौके पर सपा सरकार ने अपने नाम का पत्थर लगवा दिया। इतना ही नहीं बल्कि यूपी में मेट्रो की शुरुआत बसपा के शासनकाल में ही नोएडा क्षेत्र से की गई थी।
सीएम कार्यालय के नए भवन पर भी ली चुटकी
बसपा सुप्रीमो ने कहा, 'इसी प्रकार सोमवार को लखनऊ में नए मुख्यमंत्री कार्यालय का उद्घाटन कर दिया गया। इस भवन का अभी काफी काम अधूरा है। जबकि बसपा ज्यादातर मामलों में शिलान्यास और घोषणाओं के बजाय, जनहित की योजनाओं को अमलीजामा पहनाकर उनका उद्घाटन करने में करती है।
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चीनी मिल मालिकों पर खास मेहरबानी क्यों?
पूर्व सीएम ने कहा, 'कल सपा सरकार की ओर से प्रदेश के चीनी मिल मालिकों पर विशेष मेहरबानी दिखाते हुए उनका 680 करोड़ रुपए का ब्याज माफ कर दिया गया। ठीक चुनाव से पहले चीनी मिल मालिकों पर ऐसी मेहरबानी दाल में काफी कुछ काला साबित करती है।' उन्होंने कहा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गन्ना किसान चीनी मिलों द्वारा उनका बकाया नहीं देने के कारण गहरे संकट में हैं। इसी कारण राज्य में आंदोलन हो रहे हैं। वहीं दूसरी ओर उन गन्ना किसानों की मांगों पर ध्यान न देकर उनका बकाया अदा करवाने के बजाय प्रदेश की सपा सरकार उलटे चीनी मिल मालिकों के पक्ष में ही फैसले लेकर उनका ब्याज माफ कर दिया है। यह गन्ना किसानों के साथ विश्वासघात है।