मुफ्ती का NSA डोभाल पर तंज-पहले बिरयानी खाई थी, इस बार मैन्यू में क्या है?
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के जम्मू-कश्मीर दौरे पर तंज कसा है। महबूबा ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि पिछली बार मेन्यू में बिरयानी था, क्या इस बार हलीम होगा?
जम्मू: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के जम्मू-कश्मीर दौरे पर तंज कसा है। महबूबा ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि पिछली बार मेन्यू में बिरयानी था, क्या इस बार हलीम होगा?
महबूबा मुफ्ती ने लिखा,''पिछली बार कुछ अंजान कश्मीरियों के साथ 'बिरयानी' फोटो सेशन था। इस बार मेन्यू में क्या है? हलीम?" इससे पहले कि हम आपको उनका ट्वीट दिखाए।
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आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को रद्द करने के ऐलान से ही महबूबा मुफ्ती समेत कश्मीर के कई नेता हिरासत में हैं।
ऐसे में जाहिर है कि महबूबा मुफ्ती का ट्विटर हैंडल किसी और के द्वारा चलाया जा रहा है। जिसके जरिए, अजीत डोभाल को लेकर ट्वीट में लिखा गया कि "पिछली बार अनजान कश्मीरियों के साथ "बिरयानी" फोटो सेशन था। इस बार मेनू में क्या है? हलीम?
Last time it was a “biryani” photo op with unwitting Kashmiris. What’s on the menu this time? Haleem? https://t.co/dEKAv6msTD
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) September 25, 2019
वहीं, दूसरी ओर डोभाल की कश्मीर यात्रा को लेकर अधिकारियों ने बताया कि डोभाल प्रमुख सुरक्षा अधिकारियों से मिलकर राज्य में सुरक्षा और विकास संबंधी गतिविधियों का जायजा लेंगे। हालांकि, अभी यह जानकारी नहीं दी गई है कि डोभाल का घाटी दौरा कितना लंबा रहेगा।
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11 दिनों तक घाटी में ही रुके थे डोभाल
बता दें कि जम्मू-कश्मीर 31 अक्टूबर को दो केंद्र शासित क्षेत्रों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बंट जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधान को रद्द करने और राज्य को दो केंद्र शासित क्षेत्रों में बांटने के फैसले की घोषणा किये जाने के बाद एनएसए 11 दिनों तक घाटी में ही रुके थे।
इस दौरान उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि सरकार के फैसले के बाद कोई हिंसा न हो। अपने पिछले प्रवास के दौरान उन्होंने आतंकवाद प्रभावित दक्षिण कश्मीर के शोपियां और श्रीनगर के पुराने इलाकों का दौरा किया था।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और सेना के जवानों को अलग-अलग संबोधित किया था और प्रभावित इलाकों में उनकी सफलता को रेखांकित करते हुए उन्हें देश और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में उनकी भूमिका का महत्व बताया।
एनएसए सभी सुरक्षा एजेंसियों के बीच सुगम समन्वय सुनिश्चित करने और नियंत्रण रेखा पर स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
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