Nitin Gadkari: रेलवे फाटक की तरह रोड बंद होगा और प्लेन उतरेगा, भविष्य में कुछ ऐसा होगा हवाई परिवहन, जानिए गडकरी का एडवांस प्लान
Nitin Gadkari: केंद्र सरकार देश में ऐसी 26 सड़कें बना रही है, जहां गाड़ियों के चलने के साथ – साथ प्लेन भी लैंड कर सकेंगे।
Nitin Gadkari: भविष्य में आपकी फ्लाइट हवाई अड्डे की बजाय किसी हाईवे पर लैंड करेगी। इस दौरान हाईवे पर गाड़ियों की आवाजाही रोकने के लिए रेलवे फाटक की तरह सड़क बंद कर दिया जाएगा। प्लेन के एयरपोर्ट चले जाने के बाद रोड को खोल दिया जाएगा। केंद्र सरकार देश में ऐसी 26 सड़कें बना रही है, जहां गाड़ियों के चलने के साथ – साथ प्लेन भी लैंड कर सकेंगे। एक निजी समाचार चैनल के कार्यक्रम में बोलते हुए नितिन गडकरी ने इसका खुलासा किया।
बकौल गडकरी सरकार ने ऐसी पॉलिसी तैयार की है, जिसके तहत भविष्य में लेक और डैमवाटर बनेंगे। उन्होंने बताया कि उनके पास जहाजरानी मंत्रालय हुआ करता था, तब उन्होंने देश में सी प्लेन लाया था। यानी वो प्लेन जो एयरस्ट्रिप से उड़कर पानी में उतरता है। आपको बता दें कि साल 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी ने सी प्लेन की सवारी की थी। वे साबरमती रिवरफ्रंट से उड़े और धरोड़ डैम के पास उतरे थे।
साल के अंत तक इन रूट्स पर बंद हो जाएगी विमान सेवा !
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि देश में कई हाईवे बन रहे हैं, जिससे दो बड़े शहरों की दूरी कुछ घंटों की रह जाएगी। मसलन दिल्ली – मुंबई के बीच का सफर सड़क मार्ग से मात्र 12 घंटे में पूरा कर लिया जाएगा। इसी तरह दिल्ली – जयपुर, दिल्ली – देहरादून, दिल्ली – हरिद्वार और चेन्नई से बेंगलुरू की दूरी मात्र दो घंटे की होगी। दिल्ली – चंडीगढ़ ढ़ाई घंटे में, दिल्ली – अमृतसर 4 घंटे में, दिल्ली – कटरा 6 घंटे में, दिल्ली से श्रीनगर 8 घंटे में पहुंच जाएंगे। बेंगलुरू से मैसुर का सफर 1 घंटे में पूरा किया जाएगा।
नितिन गडकरी ने कहा कि बेहतर सड़क बन जाने से कुछ हवाई रूट्स पर फ्लाइट्स का संचालन लगभग बंद हो जाएगा। उन्होंने मुंबई – पुणे एक्सप्रेस का जिक्र करते हुए कहा कि इसके बनने तक दोनों शहरों के बीच जेयएयरवेज की 8 फ्लाइट्स चलती थी लेकिन साल 2000 के बाद से एक भी फ्लाइट नहीं चलती। इसी तरह इस साल के अंत तक दिल्ली – जयपुर, दिल्ली – देहरादून और दिल्ली – चंडीगढ़ के बीच चलने वाली लगभग सारी फ्लाइट्स बंद हो जाएंगी। हालांकि, यहां उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि इसका मतलब ये नहीं कि हम और एयरपोर्ट नहीं बनाएंगे या यहां ग्रोथ नहीं है। एविएशन सेक्टर में हर साल 22 प्रतिशत ग्रोथ है। मेरा मानना है कि दिल्ली-चंडीगढ़ एक्सप्रेव डेवलप हो जाने के बाद दोनों शहरों के बीच ज्यादा फ्लाइट्स नहीं रह जाएंगी।