सिखों ने मोदी सरकार पर उठाए सवाल, पाकिस्तान जाने पर रोक हरिद्वार में कुंभ क्यों
केंद्र सरकार के इस फैसले से पंजाब में धार्मिक माहौल काफी गरमा-गरम हो गया है। जिसके चलते श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने इस फैसले को वापस लेने की मांग की है। इस पर उन्होंने ये सवाल भी उठाया है कि यदि कोरोना की वजह से सिखों के पाकिस्तान जाने पर रोक लगाई गई है तो मार्च में हरिद्वार में आयोजित होने वाले कुंभ मेले पर पाबंदी क्यों नहीं लगाई जा रही।
अमृतसर: साका श्री ननकाना साहिब के शताब्दी समारोह में सम्मिलित होने के लिए मोदी सरकार ने पाकिस्तान जाने वाले सिखों पर रोक लगाई है। ऐसे में केंद्र सरकार के इस फैसले से पंजाब में धार्मिक माहौल काफी गरमा-गरम हो गया है। जिसके चलते श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने इस फैसले को वापस लेने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने ये सवाल भी उठाया है कि यदि कोरोना की वजह से सिखों के पाकिस्तान जाने पर रोक लगाई गई है तो मार्च में हरिद्वार में आयोजित होने वाले कुंभ मेले पर पाबंदी क्यों नहीं लगाई जा रही। आखिर इसके पीछे क्या वजह है?
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पाकिस्तान न जाने की इजाजत
बता दें, 18 फरवरी को एक हजार सिख श्रद्धालुओं को साका श्री ननकाना साहिब के शताब्दी समारोह मेें शामिल होने के लिए पाकिस्तान रवाना होना था। लेकिन पाकिस्तान रवाना होने से सिर्फ 12 घंटे पहले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एसजीपीसी को पत्र लिखकर सूचित किया कि सुरक्षा को देखते हुए श्रद्धालुओं को पाकिस्तान जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
ऐसे में पहले से ही कृषि कानूनों पर पहले ही विरोध का सामना कर रहे भाजपा(BJP) नेताओं की परेशानी केंद्र सरकार के इस फैसले से और बढ़ सकती है। जिसका सिख समुदाय जोर-शोर से विरोध कर रहा है।
इस बारे में जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि साका श्री ननकाना साहिब के शताब्दी समारोह सिखों के लिए एक ऐतिहासिक पल है। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए वर्षों से इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं की भावना की केंद्र सरकार को कद्र करनी चाहिए। सरकार को समझना होगा कि सिखों के इतिहास के साथ जुड़ी इस घटना का शताब्दी दिवस सौ वर्ष बाद आएगा।
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सिखों की धार्मिक भावनाओं को ठेस
आपको बता दें, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को सिख इतिहास से जुड़ीं आठ किताबों का एक सेट भेजा है। जिसके बारे में एसजीपीसी अध्यक्ष बीबी जागीर कौर ने बताया कि ये किताबें गुरुद्वारा सुधार लहर से संबंधित हैं। वहीं प्रधानमंत्री सिख इतिहास की इन किताबों को एक बार पढ़ लें, जत्था पाकिस्तान भेजने पर उनका ह्रदय परिवर्तन हो जाएगा।
वहीं अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि केंद्र सरकार का ये फैसला सिख विरोधी है। केंद्र सरकार ने जत्थे के पाकिस्तान जाने पर रोक लगाकर सिखों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। साथ ही भारत सरकार ने किसान आंदोलन का गुस्सा सिखों पर निकाला है।
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