Ashok Stambh: मोदी सरकार पर लगा संसद के अशोक स्तंभ में शेर बदलने का आरोप, जानिए क्या है सच

अशोक स्तंभ को लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर सवाल खड़े कर रहा है। AAP और टीएमसी के नेताओं का कहना है कि राष्ट्रीय चिन्ह यानी अशोक स्तंभ में लगे शेर को बदला गया है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2022-07-12 14:41 IST

Ashok Stambh। (Social Media)

Central Vista Project: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Project) के तहत बन रहे नए संसद भवन की छत पर कांस्य के बने अशोक स्तंभ की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया। इसके बाद से सियासी घमासान छिड़ा हुआ है। विपक्ष इसे लेकर लगातार सरकार पर सवाल खड़े कर रहा है। इस बीच अशोक स्तंभ को लेकर नया विवाद हो गया है। आप और टीएमसी के नेताओं का कहना है कि राष्ट्रीय चिन्ह यानी अशोक स्तंभ में लगे शेर को बदला गया है।

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और प्रमुख प्रवक्ता संजय सिंह (Sanjay Singh) ने एक ट्वीट शेयर करते हुए सवाल उठाया कि मैं 130 करोड़ भारतवासियों से पूछना चाहता हूं राष्ट्रीय चिन्ह बदलने वालों को "राष्ट्र विरोधी"बोलना चाहिये की नही बोलना चाहिये। आप सांसद ने जिस ट्वीट को शेयर किया है, उसमें लिखा था – पुराने अशोक स्तंभ में सिंह जिम्मेदार शासक की तरह गंभीर मुद्रा में दिखता है और दूसरे (जिसका पीएम मोदी ने अनावरण किया) में सिर्फ आदमखोर शासक की भूमिका मे खौफ फैलाने वाला जैसा दिख रहा है।

हालांकि, संजय सिंह के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया पर घेरा भी जा रहा है। लाला नामक एक यूजर लिखता है- अंकल नीचे से फ़ोटो है वो और साइज़ में बड़ा है तो लग रह वैसा। इसमें देखो सामने से अब तो नहीं लग रहा ख़ूँख़ार।

टीएमसी ने भी अशोक स्तंभ चेंज करने का लगाया आरोप

तृणमुल कांग्रेस के सांसद जवाहर सरकार (MP Jawahar Sarkar) ने भी इसपर सवाल उठाते हुए कहा कहा कि यह हमारे राष्ट्रीय चिन्ह् का अपमान है। वो ट्वीट कर लिखते हैं, हमारे राष्ट्रीय प्रतीक राजसी अशोक सिंह का अपमान। मूल बाईं ओर है, सुंदर, वास्तविक रूप से आत्मविश्वासी है। दाईं ओर वाला मोदी का संस्करण है, जिसे नए संसद भवन के ऊपर रखा गया है - झुंझलाहट, अनावश्यक रूप से आक्रामक और अनुपातहीन। शर्म! इसे तुरंत बदलें।

वहीं, टीएमसी की एक और सांसद और काली पोस्टर विवाद को लेकर विवादों में घिरी महुआ मोइत्रा (TMC MP Mahua Moitra) ने अशोक स्तंभ की नई और पुरानी तस्वीर ट्वीट कर मोदी सरकार पर निशाना साधा है।

बीजेपी नेता कपिल मिश्रा का पलटवार

दिल्ली बीजेपी के नेता कपिल मिश्रा (BJP leader Kapil Mishra) ने आप सांसद संजय सिंह के अशोक स्तंभ बदलने के आरोप पर जोरदार पलटवार किया है।

ट्वीटर पर नए अशोक स्तंभ को लेकर लोगों की राय भी बंटी नजर आ रही है। जो मोदी सरकार के विरोध हैं, वे इसके विपक्ष में बोल रहे हैं। वहीं समर्थक अशोक स्तंभ में किसी भी तरह की बदलाव की बात से इनकार कर रहे हैं। वहीं तटस्थ लोगों का भी मानना है कि नए वाले अशोक स्तंभ की फोटो बेहद नजदीक से खींची गई है, इसलिए ऐसा लग रहा है।

सोमवार के कार्यक्रम को लेकर भी हुआ था विवाद

सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक धार्मिक अनुष्ठान के साथ नए अशोक स्तंभ का अनावरण करना विपक्षी दलों को रास नहीं आया। माकपा ने कहा कि ऐसे प्रतिष्ठानों को धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए, यह हर किसी का प्रतीक है, न कि उनका, जिनकी कुछ धार्मिक मान्यताएं हैं। धर्म को राष्ट्रीय समारोहों से दूर रखें। वहीं एआईएमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने इसे संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन बताया था। जबकि कांग्रेस इस बात से खफा थी कि विपक्षी पार्टियों को कार्यक्रम में क्यों नहीं आमंत्रित किया गया।

क्या है अशोक स्तंभ

मौर्य वंश के तीसरे शासक सम्राट अशोक प्राचीन भारतीय उपमहाद्वीप के महान और सबसे ताकतवर शासकों में से एक थे। उनका शासन 273 ईसा पूर्व से 232 ईसा पूर्व तक चला था। इस दौरान उन्होंने कई स्तूप और स्तंभ बनवाए थे। इनमें से एक स्तंभ जो कि सारनाथ में है, अशोक स्तंभ कहलाता है। आजादी के बाद इसे देश के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में अपना लिया गया। नए संसद भवन की छत पर लगा अशोक स्तंभ 20 फीट ऊंचा और 9500 किलो वजनी है।

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