सरकारी कर्मचारियों की जांच: समय से पहले होंगे रिटायर, मोदी सरकार ने की तैयार
मोदी सरकार अब सरकारी विभागों में फैले भ्रष्टाचार को खत्म करने की दिशा में जुट गयी है। इसके लिए सरकारी कर्मचारियों के रिकॉर्ड की जांच की जाएगी।
नई दिल्ली: काले धन की वापसी के लिए नोटबंदी और पारदर्शी लेन- देन व टैक्स के लिए जीएसटी लागू करने के बाद अब मोदी सरकार का अगला फोकस भ्रष्ट और अयोग्य कर्मचारी है। केंद्र की मोदी सरकार ऐसे सरकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की तैयारी में है। इस बाबत सरकार ने इन कर्मचारियों की लिस्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। किसी भी विभाग में कार्यरत ऐसे अयोग्य कर्मचारियों की पहचान कर उनका चिट्ठा तैयार किया जायेगा और फिर उन्हें जबरन रिटायर कर दिया जाएगा।
भ्रष्ट और अयोग्य कर्मचारियों पर मोदी सरकार करेगी कार्रवाई
दरअसल, मोदी सरकार अब सरकारी विभागों में फैले भ्रष्टाचार को खत्म करने की दिशा में जुट गयी है। इसके लिए सरकारी कर्मचारियों के रिकॉर्ड की जांच की जाएगी। मोदी सरकार ने इस बाबत दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। किसी भी सरकारी विभाग में पोस्टेड अक्षमता और भ्रष्टाचार के आरोपों में शामिल कर्मचारियों की जांच की जाएगी।
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कर्मचारियों की सूची हो रही तैयार, होगी अक्षमता की जांच
ऐसे सभी कर्मचारियों की एक सूची तैयार होगी। जिसके बाद इनके ऊपर लगे आरोपों की जांच की जाएगी।अगर ये लोग भ्रष्ट, अयोग्य पाए गए तो उन्हें रिटायर कर दिया जाएगा।
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सर्विस रिकॉर्ड की जांच के बाद समय से पहले होंगे रिटायर
इसके अलावा ये भी कहा जा रहा है कि मोदी सरकार ने 30 साल पूरे कर चुके या 50-55 साल की उम्र के कर्मचारियों का सर्विस रिकॉर्ड भी तैयार करने को कहा है। इनकी भी जांच होगी। इन कर्मचारियों के सर्विस रिकॉर्ड की जांच से तय होगा कि क्या वे अपने काम के प्रति ईमानदार हैं और ढंग से काम कर रहे हैं या लोकहित में उन्हें समय से पहले रिटायर करने की जरूरत है।
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