मोदी ने बुजुर्ग के छुए पैर तो वृद्ध का ये रिएक्शन देख आप हो जाएंगे भावुक
इस कार्यक्रम में जो सबसे खास बात देखने को मिली वह ये थी कि मंच पर पहुंचने पर रिटायर्ड कर्मचारियों के पेंशन का चेक सौंपते हुए एक बुजुर्ग के पैर छूते नजर आए। इस पर बुजुर्ग ने भी पीएम के पैर छूना चाहा लेकिन प्रधानमंत्री ने बुजुर्ग को पैर नहीं छूने दिया। वहीं अब ये दृश्य सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होना शुरू हो गया है।
पश्चिम बंगाल: कोलकाता पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दूसरे दिन के दौरे पर कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के स्थापना के 150वें वर्ष पर आयोजिम कार्यक्रम में शिरकत किया। इस दौरान पीएम मोदी ने पोर्ट ट्रस्ट के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को बधाई देते हैं पीएम ने पोर्ट ट्रस्ट से रिटायर्ड कर्मचारियों के पेंशन के लिए 500 करोड़ रुपये का चेक सौंपा।
इस कार्यक्रम में जो सबसे खास बात देखने को मिली वह ये थी कि मंच पर पहुंचने पर रिटायर्ड कर्मचारियों के पेंशन का चेक सौंपते हुए एक बुजुर्ग के पैर छूते नजर आए। इस पर बुजुर्ग ने भी पीएम के पैर छूना चाहा लेकिन प्रधानमंत्री ने बुजुर्ग को पैर नहीं छूने दिया। वहीं अब ये दृश्य सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होना शुरू हो गया है।
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उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इस योजना के तहत करीब 6 लाख करोड़ रुपए से अधिक के पौने 6 सौ प्रोजेक्ट्स की पहचान की जा चुकी है। इनमें से 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक के 200 से ज्यादा प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है और लगभग सवा सौ पूरे भी हो चुके हैं।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट
पीएम ने कहा कि कोलकाता का ये पोर्ट भारत की औद्योगिक, आध्यात्मिक और आत्मनिर्भरता की आकांक्षा का प्रतीक है। ऐसे में जब ये पोर्ट डेढ़ सौवें साल में प्रवेश कर रहा है, तब इसको न्यू इंडिया के निर्माण का भी एक प्रतीक बनाना आवश्यक है।
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पीएम ने कहा कि पश्चिम बंगाल की, देश की इसी भावना को नमन करते हुए मैं कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम, भारत के औद्योगीकरण के प्रणेता, बंगाल के विकास का सपना लेकर जीने वाले और एक देश, एक विधान के लिए बलिदान देने वाले डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर करने की घोषणा करता हूं।
पीएम मोदी को दिखाए गए काले झंडे
बताते चलें कि कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के प्रवेश द्वार पर पीएम को विरोध का सामना करना पड़ा। यहां पर कुछ लोगों ने पीएम मोदी को काले झंडे दिखाए।
इसके पहले नागरिकता कानून पर ममता को दिया करारा जवाब
बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोलकाता के बेलूर मठ से नागरिकता संशोधन कानून पर पीएम मोदी ने कहा कि ये कानून नागरिकता लेने के लिए नहीं बल्कि देने के लिए है। उन्होंने कहा कि ये कानून रातों-रात नहीं बनाया गया बल्कि महात्मा गांधी भी ऐसा चाहते थे।
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पीएम ने कहा कि इतनी स्पष्टता के बावजूद कुछ लोग इस कानून को लेकर भ्रम फैला रहे हैं। पश्चिम बंगाल के सीएम ममता बनर्जी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि जो बात यहां बैठे बच्चों को समझ में आ गई वह बात राजनीतिक खेल खेलने वालों को समझ में नहीं आती है। पीएम ने कहा कि दरअसल, वे इसे समझना ही नहीं चाहते हैं।