Monkeypox Symptoms: भारत ने बनाई RT-PCR किट, अब तुरंत संक्रमण का चलेगा पता
Monkeypox Virus Detection Kit: दुनिया भर में तेजी से बढ़ते मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण के बीच भारत में एक हेल्थ डिवाइस बनाने वाली कंपनी ने वायरस का पता लगाने के लिए RT-PCR किट विकसित किया है।
Monkeypox Detection Kit : मंकीपॉक्स वायरस (Monkeypox Virus) का संक्रमण दुनिया में तेजी से फैलता जा रहा है। दुनिया के करीब दो दर्जन देश इस वक्त मंकीपॉक्स (Monkeypox) के संक्रमण से जूझ रहे हैं। हालांकि इन सबके बीच भारत से एक अच्छी खबर सामने आई है। मंकीपॉक्स वायरस का पता लगाने के लिए एक भारतीय प्राइवेट हेल्थ कंपनी ने RT PCR किट (RT-PCR Based Kit For Detection of Monkeyoox) विकसित करने की घोषणा की है। बता दें विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक दुनिया भर में अब तक मंकीपॉक्स के 200 से अधिक मामलों की पुष्टि हुई है।
भारत मे बना मंकीपॉक्स का पता लगाने वाला RT PCR किट
दुनिया भर में मंकीपॉक्स के तेजी से बढ़ते संक्रमण के बीच शुक्रवार को हेल्थ डिवाइस कंपनी ट्रिविट्रान हेल्थकेयर (Trivitron Healthcare) ने यह घोषणा किया कि कंपनी ने ऑर्थोपॉक्स वायरस यानी मंकीपॉक्स वायरस का पता लगाने के लिए रियल टाइम आरटी पीसीआर के बना लिया है। भारतीय प्राइवेट हेल्थ केयर डिवाइस कंपनी ट्रिविट्रान ने शुक्रवार को यह घोषणा किया कि कंपनी की रिसर्च एंड डेवलपमेंट टीम ने 800 पॉक्स वायरस का पता लगाने के लिए आरटी पीसीआर किट को विकसित किया है।
कैसे काम करेगा यह किट?
मंकीपॉक्स वायरस का पता लगाने के लिए हेल्थ डिवाइस कंपनी ट्रिविट्रान द्वारा बनाये गए इस रियल टाइम किट में चार रंग फ्लोरोसेंस हैं। ट्रिविट्रान द्वारा इस किट को लेकर बताया गया कि यह 1 घंटे में ही एक ट्यूब के जरिए मंकीपॉक्स और चेचक के बारे में अंतर बता देती है। स्केट का पहला व्यापक ऑर्थोपॉक्स ग्रुप वायरस का पता लगाता है, वहीं दूसरा और तीसरा और अर्थोंपॉक्स चेचक तथा मंकीपॉक्स के वायरस को अलग कर उनके बीच अंतर बताता है।
क्या है मंकीपॉक्स के लक्षण?
जंगली जानवरों में पाया जाने वाला यह वायरस अब दुनिया के कई देशों में देखा जा रहा है। आज करीब दो दर्जन देशों में इस वायरस से संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। मौजूदा वक्त में मंकी पार्क से सबसे ज्यादा प्रभावित यूरोप के देश हैं। बता दें इस वायरस के सबसे प्रमुख लक्षण ठंडा लगना, थकान लगना, शरीर में तेज दर्द तथा ज्यादातर रोगियों में बुखार पाया जाता है। इस वायरस से गंभीर रूप से संक्रमित मामलों में मरीज के शरीर के हाथों, चेहरों तथा शरीर के अन्य भागों पर घाव तथा गहरे चकत्ते देखने को मिलते हैं। अब तक के दिखे मामलों में यह संक्रमण ज्यादातर 7 से 14 दिनों तक रहता है हालांकि कई केसों में इसे एक कई दिनों तक भी देखा गया है।
तेजी से फैल रहा संक्रमण
मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण से दुनिया के कई देशों में इस वक्त खलबली मची हुई है। 1 दर्जन से अधिक देशों में अब तक मंकीपॉक्स के मामलों की पुष्टि हुई है उनमें नौ मामले अकेले अमेरिका से हैं। अमेरिका के अलावा नीदरलैंड, ब्रिटेन, पुर्तगाल, बेल्जियम, स्पेन, फ्रांस, स्वीडन, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, इटली, कनाडा, स्वीटजरलैंड और इजराइल सहित कई अन्य देशों में भी मंकीपॉक्स के मामलों की पुष्टि हो चुकी है। वर्तमान में मंकीपॉक्स के संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित यूरोपीय देश हैं अब तक यूरोपीय संघ के देशों में कुल 118 मंकीपॉक्स मामलों की पुष्टि हो चुकी है। हालांकि भारत में अभी तक मंकीपॉक्स के किसी मामले की पुष्टि नहीं हुई है। मगर गैर स्थानिक देशों में तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा देश में अलर्ट जारी किया गया है।