MP Election 2023: दिमनी में पोलिंग बूथ पर फायरिंग, दो लोग जख्मी, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर हैं उम्मीदवार

MP Election 2023: मुरैना जिले की दिमनी विधानसभा सीट के एक पोलिंग बूथ पर दो गुटों के बीच हिंसा हुई है। गोलीबारी और पत्थरबाजी के कारण मचे भगदड़ में दो लोग जख्मी हो गए।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-11-17 10:42 IST

MP Election 2023 (Photo : Social Media)

MP Election 2023. मध्य प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर सुबह सात बजे से मतदान जारी है। आम मतदाताओं के साथ-साथ प्रदेश के दिग्गज भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने पोलिंथ बूथों की ओर रूख कर रहे हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ मतदान कर चुके हैं। इस बीच ग्वालियर चंबल संभाग के मुरैना जिले की दिमनी सीट पर हिंसा की खबर आई है। यहां एक बूथ पर दो गुटों के बीच विवाद हो गया, जिसमें गोलीबारी और पत्थरबाजी हुई।

अचानक हुई इस घटना से बूथ पर मतदान करने आए मतदाताओं में हड़कंप मच गया। थोड़े समय के लिए वहां भगदड़ मच गई। जिसमें दो लोग घायल हो गए। मौके पर तैनात सुरक्षाबलों ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए उपद्रवियों को खदेड़ दिया। बूथ सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहीं, घायलों को अस्पताल में पहुंचाया गया है। कड़ी सुरक्षा के बीच दोबारा वोटिंग प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

घटना को लेकर डीएसपी विजय सिंह भदौरिया ने कहा कि यह एक संवेदनशील बूथ है। यहां पर बीएसएफ के जवानों की भी तैनाती की गई है। उन्होंने बताया कि सुबह यहां दो पक्षों के बीच विवाद की सूचना मिली थी, जिसके बाद फौरन मौके पर फोर्स भेजकर स्थिति को नियंत्रण में ले लिया गया। अब शांतिपूर्ण मतदान चल रहा है। दरअसल, उपचुनाव के दौरान भी इस इलाके में हिंसा देखने को मिली थी।

हाईप्रोफाइल सीट है दिमनी

भारतीय जनता पार्टी ने इस बार मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अपने कई कद्दावर नेताओं को मैदान में उतारा है। उनमें कुछ मोदी सरकार के कैबिनेट मंत्री भी हैं। इसमें केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी शामिल हैं। तोमर को मुरैना जिले की इसी दिमनी विधानसभा सीट से बीजेपी ने उतारा है। वे मुरैना लोकसभा सीट से सांसद भी हैं। इसीलिए यह सीट हाईप्रोफाइल हो गई है। कांग्रेस ने यहां से मौजूद विधायक रविंद्र सिंह तोमर को फिर से मौका दिया है। दिमनी सीट पर ब्राह्मण-राजपूत मतदाताओं का दबदबा माना जाता है।


2018 के विधानसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक गिर्राज दंडोतिया (ब्राह्मण) यहां से चुनाव जीते थे। वे कमलनाथ सरकार में मंत्री भी बने। 2020 में उन्होंने भी सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामा था। उस साल हुए उपचुनाव में बीजेपी ने उन्हें टिकट भी दिया। लेकिन वे कांग्रेस प्रत्याशी रविंद्र सिंह तोमर के हाथों अपनी सीट गंवा बैठे। बीजेपी ने इस सीट को जीतने के लिए केंद्रीय मंत्री को मैदान में उतार दिया। दो तोमरों के बीच यहां मुकाबला दिलचस्प हो गया है। सियासी जानकारों का कहना है कि नरेंद्र सिंह तोमर एक मुश्किल लड़ाई में फंस गए हैं। 3 दिसंबर को इस सीट के नतीजे पर लोगों की नजर रहेगी।



 


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