मुद्रा ने उद्यमियों को साहूकारों, बिचौलियों के चंगुल से बचाया : मोदी

Update:2018-05-29 12:22 IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के लाभार्थियों से बात की और कहा कि इस योजना ने साहूकारों और बिचौलिए के दुष्चक्र को तोड़ दिया है जो उद्यमियों के सपनों को अपने नियंत्रण में रखते थे।

नरेंद्र मोदी ऐप के जरिए मुद्रा योजना के लाभार्थियों से बातचीत के दौरान मोदी ने कहा, " मुद्रा योजना ने साहूकारों और बिचौलिए के दुष्चक्र से राहत देकर उद्यमियों के हितों की सुरक्षा की है।"

उन्होंने कहा, "इस दुष्चक्र को तोड़ना जरूरी था और किसी को ऐसा करना चाहिए था। हमने ऐसा किया, हमने इसे तोड़ दिया।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह योजना युवाओं, महिलाओं और व्यापार करने की इच्छा रखने वाले लोगों को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई थी। उन्होंने कहा कि उनके पूर्ववर्तियों ने इसे शुरू करने की योजना नहीं बनाई क्योंकि उन लोगों ने वोट बैंक की राजनीति पर जोर दिया।

मोदी ने कहा, "हमने उन लोगों के लिए एक उत्पाद तैयार किया जो कुछ करना चाहते थे।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले लोगों को जान-पहचान या पहुंच नहीं होने के चलते ऋण नहीं मिल पाता था और उन्हें या तो इंतजार करना पड़ता था या रोजगार की तलाश में बड़े शहरों का रुख करना पड़ता था।

मोदी ने कहा, "मुद्रा योजना ने युवाओं, महिलाओं और जो अपना व्यापार शुरू करना चाहते या उस का विस्तार करना चाहते हैं, उनके लिए नए रास्ते खोल दिए हैं। मुद्रा योजना से रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं।"

मोदी ने कहा, "मुद्रा योजना ने गरीबों का जीवन बदल दिया है। इसने उन्हें आर्थिक, सामाजिक स्तर पर मजबूत बनाया है और उन्हें सफल होने के लिए मंच प्रदान किया है।"

उन्होंने कहा कि करीब 110 बैंकों के अलावा 7 माइक्रोफाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन (एमएफआई) और नौ नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां (एनबीएफसीएस) हैं, जो आसान कागजी कार्रवाई के साथ ऋण दे रहे हैं।

करीब 75 फीसदी ऋण महिलाओं और युवाओं को दिए जा रहे हैं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के केंद्र में चार साल पूरे कर लेने के मौके पर इस संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना को मोदी ने 2015 में शुरू किया था। अब तक इससे 12 करोड़ उद्यमी लाभान्वित हो चुके हैं। मुद्रा योजना के तहत ऋण के लिए तीन श्रेणियां - शिशु, किशोर और तरुण बनाई गई हैं।

--आईएएनएस

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