Naqvi-RCP: नकवी और आरसीपी के सियासी भविष्य को लेकर अटकलें, कल पूरा होगा राज्यसभा का कार्यकाल
Naqvi-RCP: मुख्तार अब्बास नकवी को कोई नई जिम्मेदारी सौंपी जाने की बात सामने आई है। जिसमें उन्हें उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चाएं हैं ।
Naqvi-RCP: राज्यसभा का चुनाव न लड़ने वाले दो केंद्रीय मंत्रियों मुख्तार अब्बास नकवी (Mukhtar Abbas Naqvi) और आरसीपी सिंह (RCP Singh) के भविष्य को लेकर सियासी हलकों में तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। राज्यसभा सदस्य (Rajyasabha member) के रूप में इन दोनों केंद्रीय मंत्रियों का कार्यकाल गुरुवार को समाप्त हो जाएगा। इसके बाद इन दोनों मंत्रियों के भविष्य को लेकर तमाम बातें कही जा रही हैं।
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके आरसीपी के भाजपा का दामन थामने की संभावना जताई जा रही है। आरसीपी कई दिनों से लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की तारीफ करने में जुटे हुए हैं। आरसीपी की मोदी सरकार की नीतियों का भी जमकर बखान कर रहे हैं। इस कारण उनके भाजपा में शामिल होने की बात कही जा रही है। दूसरी ओर मुख्तार अब्बास नकवी को कोई नई जिम्मेदारी सौंपी जाने की बात सामने आई है। उन्हें उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चाएं भी सियासी हलकों में तैर रही हैं।
आरसीपी पर इसलिए नहीं हो पा रहा फैसला
केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को कभी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सर्वाधिक करीबी माना जाता था। पिछले साल उनके केंद्रीय मंत्री बनने के बाद से ही नीतीश कुमार से उनकी दूरियां बढ़ गई थीं। जदयू बिहार से राज्यसभा की एक सीट जीतने की स्थिति में था और नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह को टिकट न देने का फैसला किया। ऐसे में आरसीपी सिंह की राज्यसभा की सदस्यता कल समाप्त हो जाएगी। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि आरसीपी सिंह में अगर तनिक भी नैतिकता बची हो तो उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
भाजपा सूत्रों का कहना है कि नीतीश के किनारा करने के बाद आरसीपी सिंह लगातार भाजपा के संपर्क में बने हुए हैं। हैदराबाद में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान भी आरसीपी के भाजपा में शामिल होने की अफवाह उड़ी थी।
जानकार सूत्रों का कहना है कि भाजपा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नाराजगी की आशंका के कारण आरसीपी को लेकर कोई फैसला नहीं कर पा रही है। इसी महीने राष्ट्रपति की ओर से राज्यसभा के सात सांसद मनोनीत भी किए जाने हैं। सूत्रों का कहना है कि आरसीपी मनोनयन के जरिए राज्यसभा पहुंचकर अपनी कुर्सी बचाने की कोशिश में भी जुटे हुए हैं।
नकवी को लेकर कई तरह की चर्चाएं
पिछले महीने हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने मुख्तार अब्बास नकवी को भी चुनाव मैदान में नहीं उतारा था। बाद में उनके रामपुर लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में उतरने और राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चाएं भी सुनी गई थीं। हालांकि भाजपा ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। अब नकवी को राज्यपाल बनाने या उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने की चर्चाएं हैं।
वैसे त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा के इस्तीफे के बाद राज्यसभा की एक और सीट रिक्त हो गई है। साहा को भाजपा ने हाल ही में त्रिपुरा का मुख्यमंत्री बनाया था। साहा बारदोली विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में विधायक चुने जा चुके हैं। अब उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में नकवी के लिए त्रिपुरा से राज्यसभा में एक बार फिर पहुंचने का विकल्प भी खुल गया है। माना जा रहा है कि नकवी के भविष्य को लेकर भाजपा नेतृत्व जल्द ही फैसला लेगा। नकवी भाजपा का बड़ा मुस्लिम चेहरा रहे हैं। इसलिए माना जा रहा है कि पार्टी की ओर से उन्हें कोई नई जिम्मेदारी भी सौंपी जा सकती है।