नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय के तीन तलाक पर फैसले का स्वागत करते हुए पूर्व महान्यायवादी मुकुल रोहतगी ने मंगलवार को कहा कि बहुमत का फैसला 'सही' है और अल्पमत का फैसला 'गलत' है और समय के अनुरूप नहीं है।
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रोहतगी ने संवाददाताओं से कहा, "मैं व्यक्तिगत तौर पर सम्मान के साथ उनके (प्रधान न्यायाधीश जे.एस. खेहर व न्यायमूर्ति ए. अब्दुल नजीर) विचार को गलत मानता हूं। यह आज के समय के अनुरूप नहीं है और यह लाखों महिलाओं की स्वतंत्रता व गरिमा के अनुरूप नहीं है। बहुमत (पांच न्यायाधीशों की पीठ में से तीन) के विचार सही हैं।"
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रोहतगी ने महान्यायवादी के तौर पर तीन तलाक की प्रथा का विरोध किया था। उन्होंने कहा कि यहां तक कि उन्हें (प्रधान न्यायधीश न्यायमूर्ति खेहर व न्यायमूर्ति नजीर) पर्सनल लॉ को छूट दिए जाने की बात कहने के बाद अहसास हुआ और उन्होंने कहा कि तीन तलाक छह महीने तक नहीं होगा। संसद को इस पर कानून लाना होगा।
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उन्होंने कहा, "दूसरे शब्दों में उन्होंने मूल सवाल की अनदेखी की और कहा कि यह संसद के कार्यक्षेत्र में है। लेकिन, सर्वोच्च न्यायालय को संसद की प्रतिक्रिया का इंतजार करने की जरूरत नहीं है। इस मामले में पीठ के बहुमत ने सही तौर पर प्रतिक्रिया दी और इस तरह की भेदभावपूर्ण व घातक प्रथा को खत्म कर दिया।"